मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भागलपुर, पूर्णिया, बांका, सहरसा व मधेपुरा में किया सभा को संबोधित, कहा
भागलपुर/पूर्णिया/मधेपुरा/बांका/सहरसा : भाजपा मजबूत देश की बात करती है, जबकि देश फौज की ताकत से मजबूत नहीं होता. देश मजबूत होता है विविधता के सम्मान से और अपनी अंदरूनी एकता व ताकत से. वह व्यक्ति अंदरूनी एकता को कायम नहीं रख सकता, जिस पर करोड़ों लोगों का भरोसा नहीं है.
चुनाव प्रचार के अंतिम दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भागलपुर के शाहजंगी मेला मैदान, पूर्णिया के मीरगंज, बांका के बेलहर, मधेपुरा के उदाकिशुनगंज व सहरसा के सिमरी बख्तियारपुर में चुनावी सभा को संबोधित किया.
उन्होंने कहा कि गंठबंधन के दौरान विवादित मुद्दों को अलग रखने की बात थी. चाहे वह अयोध्या का मामला हो या धारा 370 का. जब तक अटल बिहारी वाजपेयी का नेतृत्व रहा इसे कायम रखा गया. बाद में भाजपा ऐसे लोग को आगे लाने लगी, जिस पर देश के करोड़ों अकलियतों का भरोसा नहीं है, तो हमने अपने सिद्धांतों के तहत नाता तोड़ लिया.
भाजपा वाले तनाव पैदा कर वोट हथियाना चाहते हैं. वे कह रहे हैं कि समर्थन करो या पाकिस्तान चले जाओ. उन्होंने सवाल उठाया, क्या यह मुल्क उन्हीं चंद लोगों का है. हम कहां जायें, हम यहीं पैदा हुए और इसी मिट्टी में मिल जायेंगे. ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है. राजद सुप्रीमो आज अकलियत जमात का वोट मांगने आते हैं, लेकिन वह भागलपुर दंगा को भूल गये.
उसके बाद राजद को मौका मिला, लेकिन दंगा पीड़ितों या दंगाइयों के खिलाफ कुछ नहीं किया. 15 साल बाद हमें मौका मिला तो सबसे पहले आयोग का गठन कर 1984 के सिख दंगे की तर्ज पर सभी पीड़ितों का मुआवजा दिलाया. कहा कि लोग अफवाह फैला रहे हैं कि चुनाव बाद जदयू बीजेपी में मिल जायेगी. यह गलत है. हम मिट्टी में मिल जायेंगे, लेकिन भाजपा के साथ नहीं मिलेंगे. गुजरात के विकास का झूठा मॉडल पेश किया जा रहा है.