शौचालय घोटाला: अमेरिकन स्टाइल की फोटो से पहचानने में हुई मुश्किल, हैलाे विनय बाबू-कैसे हैं, आपने तो हमें पूरा इंडिया घुमा दिया, अब चलिए साथ
पटना : प्राथमिकी दर्ज होते ही शौचालय घोटाले के मास्टरमाइंड विनय कुमार सिन्हा ने यहां के नामी वकील को जमानत करने के लिए वकालतनामा पर हस्ताक्षर किया और अकेले ही पटना से निकल गये. इसके बाद वे बेंगलुरु, गुड़गांव, हैदराबाद होते हुए देवरिया पहुंचे और वहां से फिर गोरखपुर होते हुए पटना आना था. उन्हें […]
पुलिस की टीम भी लगातार उनके पीछे लगी थी. पुलिस ने उनके परिवार का पूरा बायोडाटा निकाला और यह जानकारी ली कि वे कहां-कहां जा सकते हैं. इसमें यह जानकारी मिली कि विनय कुमार सिन्हा की बेटी और दामाद गुड़गांव में रहते हैं और उनका एक बेटा मणिपाल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है और अंतिम वर्ष में है.
विनय कुमार सिन्हा का एक भाई विनोद कुमार सिन्हा अमेरिका में डॉक्टर है. पुलिस की टीम तुरंत ही लोकेशन मिलने पर बेंगलुरु, हैदराबाद, गुड़गांव पहुंची. लेकिन वे पुलिस के पहुंचने के पूर्व ही वहां से निकल गये. इन्होंने चालाकी यह की थी कि वे जहां भी रुकते, वहां वे एक मोबाइल व नया सिम ले लेते और एक-दो दिनों में ही उस मोबाइल व सिम को फेंक देते थे और वहां से निकल जाते थे.
पुलिस मोबाइल के लोकेशन से ही उनके पीछे लगी थी, क्योंकि वे लगातार एक व्यक्ति से जमानत को लेकर फोन पर बात करते थे. पुलिस ने उस व्यक्ति को उठा लिया था. पुलिस उनके बेटे के घर पर भी पहुंची, लेकिन वह नहीं मिला. इसके बाद पुलिस टीम दामाद के गुड़गांव स्थित फ्लैट पर पहुंची. लेकिन वे वहां भी नहीं मिले. इसके बाद पुलिस टीम गुड़गांव से वापस लौटी, तो अचानक ही उनका लोकेशन सोमवार की शाम देवरिया मिला.