पटना. छठे चरण के शिक्षक नियोजन में दूसरे चरण की बची काउंसेलिंग कराने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग की भी अनुमति जरूरी है. इससे पहले शिक्षा विभाग ने पंचायती राज विभाग से इस संबंध में मार्गदर्शन मांगा है.
पंचायती राज विभाग का आकलन है कि अब तक परामर्श दात्री समिति पहले की तरह सक्रिय है. इसलिए काउंसेलिंग करायी जा सकती है. यह बात और है कि पंचायती राज विभाग ने राज्य निर्वाचन आयोग से भी इस संबंध में राय लेने की सलाह दी है.
सूत्रों के मुताबिक पंचायती राज विभाग काउंसेलिंग के संबंध में सोमवार को अपनी लिखित राय शिक्षा विभाग को सौंप देगा. अब यह तय है कि राज्य निर्वाचन आयोग का मार्गदर्शन भी शिक्षा विभाग को लेना होगा, तभी काउंसेलिंग करायी जा सकेगी.
जानकारों के मुताबिक आयोग का रुख भी इस संबंध में सकारात्मक ही रहेगा, क्योंकि नियोजन की प्रक्रिया काफी समय से चल रही है. पंचायत चुनाव इससे से बाधित नहीं होगा. उल्लेखनीय है कि 1200 से अधिक नियोजन इकाइयों में 11 हजार से अधिक सीटों पर काउंसेलिंग करायी जानी है.
ये वे सीटें हैं, जहां विभिन्न वजहों से काउंसेलिंग नहीं करायी जा सकी. फिलहाल शिक्षा विभाग काउंसेलिंग के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, लेकिन तकनीकी अड़चनों की वजह से काउंसेलिंग में कुछ विलंब हो रहा है.
हालांकि, ट्विटर हैंडल पर इन दिनों अभ्यर्थियों ने काउंसेलिंग कराने को लेकर अभियान चला रखा है. उनके ट्वीट की भाषा कई बार आक्रामक हो रही है. इसको लेकर शिक्षा विभाग के अफसरों ने अपनी तरह से आपत्ति भी व्यक्त की है.
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने ट्वीट कर कहा है कि ऐसे लोग शिक्षक बनना चाह रहे हैं, जिनकी भाषा संयमित नहीं है. भाषा संस्कारित जरूर होना चाहिए.
Posted by Ashish Jha