गया : बिहार के बोधगया में स्थित महाबोधी मंदिर को दहलाने की तैयारी की जा चुकी थी. जानकारी के मुताबिक कुछ संदिग्ध आतंकियों ने मंदिर आहते में तीन जगहों पर विस्फोटकों को छुपा रखा था. बताया जा रहा है कि कालचक्र मैदान के गेट नंबर चार के पास से एक विस्फोटक और उससे कुछ और दूरी पर रखे हुए दो विस्फोटक बरामद किये गये हैं. विस्फोटकों को बरामद होने के बाद निरंजना नदी के रेंज में रखा गया है. प्रशासनिक पदाधिकारियों के मुताबिक बाद में उसे निष्क्रिय किया जायेगा. अभी तक की जांच में सीसीटीवी कैमरे में तीन संदिग्धों को देखा गया है, जिसमें से दो भारतीय और एक नेपाली नागरिक बताया जा रहा है. इससे पहले बम मिलते ही पूरे इलाके में सघन तलाशी अभियान शुरू किया कर दिया गया. वहीं, बिहार पुलिस ने तीन जगहों से विस्फोटक मिलने की पुष्टि की है.
मिल रही जानकारियों के अनुसार बोधगया महाबोधि मंदिर के पास एक मध्यम तीव्रता वाले धमाके की आवाज आयी थी. इसके बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गयी. जिला पुलिस,सीआरपीएफ सहित अन्य सुरक्षा बलों के जवान हरकत में आ गये और सघन तलाशी ली जाने लगी. सुरक्षा बलों द्वारा चलाये गये तलाशी अभियान के दौरान कई जगहों से कुछ संदिग्ध वस्तु बरामद हुई है. माना जा रहा है कि आतंकवादियों द्वारा महाबोधि मंदिर में सीरियल ब्लास्ट करने की योजना थी. पुलिस द्वारा चलाये गये सघन जांच अभियान के बारे में पुलिस आधिकारिक तौर पर फिलहाल कुछ भी नहीं बोल रही है.
प्रशासनिक सूत्रों की मानें, तो बम को डिफ्यूज करने के लिए एनआईए और एनएसजी की टीम गया पहुंच चुकी है. बम को निष्क्रिय करने के बाद मामले की तह तक जांच की जायेगी. गया की एसएसपी गरिमा मल्लिक ने मीडिया को बताया कि पूरे जिले को अलर्ट मोड में रखा गया है. महाबोधि मंदिर श्रद्धालुओं के लिए लगातार खुला रहेगा. मल्लिक ने लोगों से अफवाह नहीं फैलाने और सतर्कता बरतने की अपील की है. बम को निरंजना नदी के पास बैरिकेटिंग करके रखा गया है. बताया जा रहा है कि टीम जल्दी ही बम को डिफ्यूज करने के बाद बाकी जानकारी जिला प्रशासन को भी सौंपेगी.
बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा फिलहाल महाबोधि मंदिर परिसर में ही मौजूद हैं. दलाई लामा के अलावा कई देशों के दस हजार से अधिक विदेशी बौद्ध धर्मावलंबी भी धर्मगुरु दलाई लामा के शैक्षिक सत्र में शामिल होने के लिए मौजूद हैं. हॉलीवुड स्टार रिचर्ड गेरे भी फिलहाल बोधगया में मौजूद हैं. जिला पुलिस और राज्य पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर दलाई लामा और अन्य धर्मावलंबियों की सुरक्षा को देखते हुए बोधगया को किले में तब्दील कर दिया गया था. इसके बावजूद इस तरह की हरकतें सामने आने से सुरक्षा एजेंसियों के होश फाख्ता हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले दिनों दलाई लामा से मुलाकात की थी.
सबसे पहले, महाबोधि मंदिर के पश्चिम मस्जिद वाली सड़क में मंदिर के चार नंबर गेट के पास एक झोले में अल्यूमीनियम के बरतन में बम जैसा सामान मिलने से अफरातफरी मच गयी. सामान बरामदगी के बाद बोधगया में हाइ अलर्ट कर दिया गया. फिलहाल, एसएसबी के जवानों ने उस सामान को कब्जे में ले लिया है. जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार की रात करीब आठ बजे पुलिस को सूचना मिली कि मंदिर के चार नंबर गेट के पास लावारिस हालत में एक झोला पड़ा है. एसएसबी के बम निरोधक दस्ते व डॉग स्क्वाड को बुलाया गया व इसकी जांच की गयी. डॉग स्क्वाड ने इस दौरान महाबोधि मंदिर के पूर्वी हिस्से के गोदाम रोड में भी जांच की. सामान मिलने के बाद एसएसपी समेत सारे वरीय पुलिस पदाधिकारी बोधगया पहुंचे व जांच शुरू कर दी. गौरतलब है कि बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा बोधगया में प्रवास कर रहे हैं व कालचक्र मैदान में उनका प्रवचन व अन्य कार्यक्रम जारी है.
इधर महाबोधि मंदिर में निग्मा मोनलम चेन्मो जारी है. इसे लेकर बौद्ध श्रद्धालुओं के साथ-साथ कई देशों के पर्यटक भी बोधगया में मौजूद हैं. बोधगया में सुरक्षा को लेकर करीब तीन हजार पुलिसकर्मियों की तैनाती की गयी है. इन सब के बावजूद महाबोधि मंदिर की चहारदीवारी के बाहर लावारिस हालत में आपत्तिजनक सामान बरामद होना चिंता का विषय है. समाचार लिखे जाने तक कोई भी वरीय पुलिस पदाधिकारी बरामद सामान के बारे में कुछ भी बताने के पक्ष में नहीं था. डीआइजी विनय कुमार ने बताया कि वह बोधगया से बम की शक्ल में बरामद वस्तु की जांच के लिए सीआरपीएफ व एसएसबी की मदद ली जायेगी. घटना के बाद दलाई लामा के प्रवास स्थल तिब्बत मोनास्टरी के आसपास के क्षेत्रों को पूरी तरह सील कर दिया गया है. उनकी सुरक्षा में एसएसबी के जवानों को तैनात कर दिया गया है. उस मार्ग से गाड़ियों की आवाजाही पर रोक लगा दी गयी है. एसएसपी सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी कैंप कर रहे हैं.
गौरतलब हो कि 7 जुलाई 2013 को भी आतंकियों ने महाबोधि मंदिर को निशाना बनाया था और एक साथ कई स्थलों पर धमाके किये थे, जिसमें दो लोग घायल हो गये थे. घटना के कुछ ही देर बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घटनास्थल का दौरा कर केंद्र सरकार से सीआईएसएफ के तैनाती की मांग की थी.