करैली नरसंहार में दो आरोपितों को उम्रकैद

मुंगेर : मुंगेर जिले के बहुचर्चित करैली नरसंहार के दो आरोपित रवींद्र यादव व मुसहरू यादव को कांड में दोषी पाते हुए बुधवार को मुंगेर के अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय पुरुषोत्तम मिश्रा ने आजीवन कारावास की सजा सुनायी. सुनवाई के दौरान उपलब्ध साक्ष्य एवं गवाहों के बयान के आधार पर दोनों आरोपितों को भादवि की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 25, 2018 4:40 AM
मुंगेर : मुंगेर जिले के बहुचर्चित करैली नरसंहार के दो आरोपित रवींद्र यादव व मुसहरू यादव को कांड में दोषी पाते हुए बुधवार को मुंगेर के अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय पुरुषोत्तम मिश्रा ने आजीवन कारावास की सजा सुनायी. सुनवाई के दौरान उपलब्ध साक्ष्य एवं गवाहों के बयान के आधार पर दोनों आरोपितों को भादवि की धारा 302/34 में दोषी पाया गया और आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी.
इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक योगेंद्र मंडल एवं पीयूष कुमार ने बहस में भाग लिया. सत्रवाद संख्या 681/11 में सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने उपलब्ध साक्ष्य एवं गवाहों के बयान के आधार पर विगत 18 जनवरी को रवींद्र यादव एवं मुसहरू यादव को हत्याकांड में दोषी पाया था.
ये दोनों आरोपित धरहरा थाना क्षेत्र के बंगलवा कैथमा के रहनेवाले हैं, जबकि इसी मामले में धीरेंद्र कुमार, राकेश कुमार व राजाराम यादव को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया गया था.
घटना के संदर्भ में बताया जाता है कि दो जुलाई, 2011 को तड़के धरहरा थाना क्षेत्र के करैली गांव में माओवादी पुलिस वेश में गांव पहुंचे थे और छह लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. जिन लोगों की हत्या की गयी थी उनमें सुनील राय, शिवन राय, नरेश राय, रामदेव राय, नारायण कोड़ा व कांग्रेस कोड़ा शामिल हैं, जबकि इस घटना के दौरान माओवादियों ने 11 लोगों को अगवा कर लिया था, जिन्हें बाद में पुलिस कार्रवाई के दौरान मुक्त कराया गया था.
घटना को लेकर प्रत्यक्षदर्शी विनोद राय के बयान पर धरहरा थाने में कांड संख्या 74/11 दर्ज की गयी थी. इसमें कुल 22 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था. आधा दर्जन आरोपित रिहा हो चुके हैं. इस नरसंहार के संदर्भ में तीन अलग-अलग सत्रवाद अब भी न्यायालय में लंबित हैं.

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