जदयू के 50 विधायक बीजेपी के संपर्क में:मोदी

पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज दावा किया कि प्रदेश में सत्तासीन पार्टी जदयू के 50 से अधिक विधायक उनकी पार्टी के संपर्क में है और इस लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में खुलकर समर्थन किया है. पटना में आज पत्रकारों से बातचीत करते हुए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 6, 2014 6:23 PM

पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज दावा किया कि प्रदेश में सत्तासीन पार्टी जदयू के 50 से अधिक विधायक उनकी पार्टी के संपर्क में है और इस लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में खुलकर समर्थन किया है.

पटना में आज पत्रकारों से बातचीत करते हुए सुशील ने दावा किया कि प्रदेश में सत्तासीन पार्टी जदयू के 50 से अधिक विधायक उनकी पार्टी के संपर्क में है और इस लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में खुलकर समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि जदयू के ये विधायक बिहार में जो कुछ भी हो रहा है उससे खुश नहीं हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का राजनीतिक ग्राफ गिरा है और जदयू के ये विधायक इस डर से उनका समर्थन कर रहे हैं कहीं बिहार में राजद और लालू प्रसाद सत्ता में फिर से न आ जाएं.

उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष 16 जून को जदयू के भाजपा से नाता तोड लिए जाने पर भाजपा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जनादेश के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया था और उसी समय से इन दोनों दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरु हो गया था जो कि अभी भी जारी है. गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने का विरोध कर रही जदयू ने मोदी को भाजपा द्वारा चुनाव अभियान समिति का प्रमुख बनाने पर जदयू ने भाजपा से अपना 17 साल पुराना संबंध तोड लिया था. जदयू के भाजपा से नाता तोडे जाने के पूर्व नीतीश मंत्रिमंडल में उपमुख्यमंत्री रहे सुशील कुमार मोदी ने कहा कि उनका मकसद अभी सरकार गिराना नहीं. लोकसभा चुनाव अभी जारी है और यह मामला इस चुनाव के समाप्त होने पर उठेगा.

243 सदस्यीय बिहार विधानसभा के वर्ष 2010 में हुए चुनाव में जदयू के 117 तथा भाजपा के 91 विधायक निर्वाचित हुए थे. बिहार विधानसभा में विश्वास मत के लिए 122 विधायकों की दरकार होती है. राजग से बाहर होने के बाद नीतीश सरकार ने पिछले वर्ष कांग्रेस के चार एवं भाकपा के एक विधायक तथा चार निदर्लीय विधायकों की मदद से विशवास मत हासिल कर लिया था. जदयू के पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर अपने पांच विधायकों को हाल में निकाले जाने से नीतीश सरकार की सदन में स्थिति कमजोर हुई है ऐसे में लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी के भीतर टूट का लाभ भाजपा के उठाने की संभावना जतायी जा रही है.

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