मुखिया हत्याकांड : सीबीआइ को मिले कई संदिग्ध नंबर
आरा. ब्रrोश्वर मुखिया हत्याकांड के उद्भेदन के लिए सीबीआइ एसपी राजीव रंजन टीम के साथ शुक्रवार को आरा पहुंचे. उन्होंने 300 मूल नंबर और एक हजार ट्रांजिक्ट नंबरों को ट्रैक करते हुए क्रॉस वेरिफिकेशन किया. टीम ने देर शाम तक कई लोगों से पूछताछ भीकी. इस दौरान हत्याकांड से जुड़े कई साक्ष्य सामने आये हैं. […]
आरा.
ब्रrोश्वर मुखिया हत्याकांड के उद्भेदन के लिए सीबीआइ एसपी राजीव रंजन टीम के साथ शुक्रवार को आरा पहुंचे. उन्होंने 300 मूल नंबर और एक हजार ट्रांजिक्ट नंबरों को ट्रैक करते हुए क्रॉस वेरिफिकेशन किया. टीम ने देर शाम तक कई लोगों से पूछताछ भीकी. इस दौरान हत्याकांड से जुड़े कई साक्ष्य सामने आये हैं. इसके आधार पर सीबीआइ हत्या की उद्भेदन की तरफ धीरे-धीरे अग्रसर है. नंबरों के ट्रैक के दौरान कई ऐसे संदिग्ध नंबर आये हैं, जिनको आधार मान कर सीबीआइ की टीम उद्भेदन के लिए जुटी हुई है. एसपी ने बताया कि ब्रrोश्वर मुखिया के हत्या से पूर्व 31 मई 12 बजे मध्य रात्रि से एक जून, 2012 की सुबह छह बजे तक का 300 मूल नंबरों की सीडीआर निकाली गयी. इन 300 नंबरों से ट्रांजिक्ट 1000 नंबरों का ऑन स्पॉट क्रॉस वेरिफिकेशन किया जा रहा है. इन नंबरों में सबसे अधिक एयरसेल व यूनिनॉर कंपनी के उपभोक्ता हैं. इनसे क्रॉस वेरिफिकेशन मोतीटोला, नवादा, बंधन टोला, पकड़ी,मसाढ़, बसंतपुर सहित कई मुहल्लों और गांवों में जाकर किया गया. इस दौरान करीब 1300 कॉल ट्रैक किये गये हैं, जिनसे सीबीआइ अपने मॉडल से पूछताछ कर रही है. वहीं, एसपी राजीव रंजन ने कहा कि नीलनिधि से गत दिनों आरा में घंटों पूछताछ की गयी थी. दोबारा पूछताछ के लिए उसे मुख्यालय बुलाया गया था. उस वक्त टीम आरा में जांच के लिए आ गयी थी. इसलिए सेकेंड राउंड में पूछताछ नहीं की जा सकी है. नीलनिधि से फिर अगले सप्ताह पूछताछ की जायेगी. पूर्व में नीलनिधि से रणवीर सेना के हथियार और ब्रrोश्वर मुखिया हत्याकांड के संबंध में आरा में घंटों पूछताछ की गयी थी.
विदित हो कि ब्रहrोश्वर मुखिया की हत्या एक जून 2012 को कतिरा स्थित उनके आवास के पास गोली मार कर कर दी गयी थी. इस हत्या के बाद मुखिया पुत्र व सूचक इंदू भूषण की मांग पर राज्य सरकार ने सीबीआइ से जांच कराने की सिफारिश की थी.