अगले माह से शिक्षक नियुक्ति कैंप
पटना : सूबे के स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अगले महीने से फिर कैंप लगनेवाले हैं, लेकिन इस बार भी आधे से ज्यादा पद खाली रह जाने की संभावना है. पिछली बार की तरह इस बार भी महिला शिक्षकों के अलावा गणित, विज्ञान व अंगरेजी विषयों के शिक्षक नहीं मिल सकेंगे. 1.33 लाख पदों में करीब आधे पद (लगभग 66 हजार) महिलाओं के लिए आरक्षित हैं.
इसके अलावा वैसी महिलाएं, जो मेधा सूची में आती हैं, उन्हें भी नियोजन पत्र दिये जाने का प्रावधान है. इसके बावजूद निर्धारित पदों की तुलना में महिला अभ्यर्थी बहुत कम हैं. 2013 में जब नयी नियुक्ति प्रक्रिया (तीसरा चरण) शुरू हुई, तो प्रारंभिक स्कूलों में शिक्षकों के लिए कुल 1.53 लाख पद निर्धारित किये गये थे, जबकि टीइटी में करीब 1.47 लाख अभ्यर्थी ही सफल हुए थे.
इनमें करीब साढ़े 38 हजार महिलाएं थीं. ऐसे में महिलाओं के लिए आरक्षित 76 हजार पदों में से 37 हजार पद लगनेवाले अगले कैंप के बाद भी खाली रह जायेंगे. वहीं, 29 जनवरी से 22 फरवरी तक चले कैंपों की रिपोर्ट से साफ हुआ था कि कैंपों में अधिकतर सामाजिक विज्ञानवाले ही अभ्यर्थी ही पहुंच रहे हैं, लेकिन स्कूलों में गणित, विज्ञान और अंगरेजी के शिक्षक भी चाहिए. विभाग ने एक बार तो अंगरेजी, विज्ञान, गणित के साथ-साथ महिलाओं के लिए अलग से स्पेशल टीइटी का भी मन बनाया था, ताकि पदों को भरा जा सके, लेकिन फिर यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया. विभागीय सूत्रों की मानें, तो लगनेवाले अगले कैंप के बाद इनके पद रिक्त रह जाते हैं, तो अंगरेजी, विज्ञान, गणित और महिलाओं के लिए अलग से स्पेशल टीइटी लिया जा सकता है.
प्लस टू की भी नहीं भरेंगी सीटें
प्रारंभिक स्कूलों की तरह प्लस टू स्कूलों में भी पद खाली रह जायेंगे. वहीं, प्लस टू स्कूलों के कुल 41 हजार पदों के लिए 2013 में 20 हजार ट्रेंड व अनट्रेंड अभ्यर्थियों ने एसटीइटी पास किया था. इनमें से अब तक 6,741 अभ्यर्थी शिक्षक बन चुके हैं, जबकि 34 हजार पद अब भी रिक्त हैं. ऐसे में अगर सभी एसटीइटी पास ट्रेंड-अनट्रेंड अभ्यर्थियों की नियुक्ति हो भी जाती है, तो करीब 20 हजार पद खाली रह जायेंगे.
वहीं, हाइस्कूलों की स्थिति कुछ दूसरी है. हाइस्कूल की एसटीइटी परीक्षा में 68 हजार अभ्यर्थी सफल हुए थे, जबकि शिक्षकों के लिए साढ़े 17 हजार पद निर्धारित किये गये थे. इनमें से करीब साढ़े 11 हजार शिक्षकों की नियुक्ति हो चुकी है और करीब छह हजार पद ही रिक्त हैं. इसके अलावा 2013-14 में अब तक तीन समव्यवहार और एक कैंप के माध्यम से प्रारंभिक स्कूलों में भी 1.53 लाख पदों में से अब तक 60 हजार शिक्षकों की नियुक्ति हो चुकी है और करीब 93 हजार पद अब भी रिक्त हैं.