बिहार कैबिनेट का विस्तार शीघ्र : मांझी

पटना: बिहार विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने के बाद प्रसन्न दिख रहे मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने आज कहा कि वह अपनी कैबिनेट का विस्तार शीघ्र ही करेंगे. विशेष सत्र के दौरान सदन में विश्वास मत हासिल करने के बाद मांझी ने विधानसभा के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘ कैबिनेट का जल्दी ही विस्तार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 23, 2014 5:56 PM

पटना: बिहार विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने के बाद प्रसन्न दिख रहे मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने आज कहा कि वह अपनी कैबिनेट का विस्तार शीघ्र ही करेंगे.

विशेष सत्र के दौरान सदन में विश्वास मत हासिल करने के बाद मांझी ने विधानसभा के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘ कैबिनेट का जल्दी ही विस्तार किया जाएगा.’’ उन्होंने हालांकि विस्तार के लिए किसी तारीख का जिक्र नहीं किया और सिर्फ ‘‘जल्दी’’ ही विस्तार किए जाने की बात की.मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या 35 होगी जो उसकी अधिकतम सीमा है. 20 मई को राज्यपाल डी वाई पाटिल ने मांझी सहित 18 सदस्यों को शपथ दिलायी थी.नीतीश कुमार कैबिनेट के सभी 15 मंत्रियों को मांझी सरकार में स्थान मिला है. जदयू सरकार को समर्थन दे रहे दो निर्दलीय दुलारचंद गोस्वामी और बिनय बिहारी को भी मंगलवार को मंत्री पद की शपथ दिलायी गयी.

विपक्षी भाजपा ने आरोप लगाया है कि भाजपा को बाहर रखने के क्रम में राज्य की सत्ता पर काबिज रहने के लिए जदयू, राजद और कांग्रेस का गठबंधन ‘‘अनैतिक’’ है. भाजपा की आलोचना के बीच मांझी ने कहा कि उन्होंने कभी भी लालू प्रसाद की पार्टी से समर्थन नहीं मांगा और उन्होंने खुद ही तीन दिन पुरानी उनकी सरकार के पक्ष में मतदान दिया.

मांझी ने कहा, ‘‘ विधानसभा के सदस्यों की मौजूदा संख्या 237 होने के बीच बहुमत के लिए 118 सदस्यों की जरुरत थी और मेरे पास कांग्रेस के चार विधायकों सहित 124 विधायकों का समर्थन था… मुझे विश्वास मत हासिल करने में कोई समस्या नहीं थी..लेकिन राजद ने सामाजिक न्याय के नाम पर मुझे मत दिया है, मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं.’’

यह पूछे जाने पर कि क्या 20 साल के बाद लालू प्रसाद और नीतीश कुमार का साथ आना आगे भी जारी रहेगा, मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ ये भविष्य के मुद्दे हैं.’’ महादलित समुदाय से आने वाले मांझी ने पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की काफी सराहना की जिन्होंने उन्हें अपना उत्तराधिकारी चुना.उन्होंने कहा, ‘‘ नीतीश कुमार का कमजोर तबकों के प्रति प्रेम कोई दिखावा नहीं है.. आप सभी उस घटना के गवाह हैं जब गया में पहाड को काटकर सडक बनाने वाले ‘‘माउंटेनमैन’’ दसरथ मांझी के लिए उन्होंने अपनी कुर्सी की पेशकश की थी.’’

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