ट्रेन में दुधमुंहीं बच्ची को छोड़ते वक्त भी नहीं पसीजी मां

पटना: मंगलवार की सुबह 10 बजे मुंबई से लोकमान्य तिलक पटना जंकशन के प्लेटफॉर्म नंबर 2 पर पहुंची. ट्रेन काफी देर तक खड़ी रही. सभी यात्री उतर गये. रेलकर्मी कोच के दरवाजे व खिड़कियां लॉक कर रहे थे. इस दौरान एक स्लीपर कोच से एक बच्ची के रोने की आवाज आयी. कर्मचारी सीट के पास […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 28, 2014 9:39 AM

पटना: मंगलवार की सुबह 10 बजे मुंबई से लोकमान्य तिलक पटना जंकशन के प्लेटफॉर्म नंबर 2 पर पहुंची. ट्रेन काफी देर तक खड़ी रही. सभी यात्री उतर गये. रेलकर्मी कोच के दरवाजे व खिड़कियां लॉक कर रहे थे.

इस दौरान एक स्लीपर कोच से एक बच्ची के रोने की आवाज आयी. कर्मचारी सीट के पास पहुंचे, तो एक दुधमुंहीं बच्ची चीख रही थी. कर्मचारियों ने रेल प्रशासन को सूचना दी. बाल सखा के लोग पहुंचे और उसे अपने साथ ले आये. बाल सखा की कर्मचारी रश्मि उसे गोद में लेकर संभालने की कोशिश कर रही थी, लेकिन वह हाथ-पांव मार रही थी.

रश्मि को लगा कि वह भूखी है, तो उसने दूध की व्यवस्था की और चम्मच से पिलाया, तो वह चुप हो गयी. रश्मि ने बताया कि बच्ची को पटना सिटी की पादरी की हवेली में भेजा जा रहा है.

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