एक के बाद एक 12 सिलेंडर ब्लास्ट से दहला पटना, भीषण आग में 100 से ज्यादा झोंपड़ियां जलकर खाक
भीषण अगलगी की घटना में लोगों के लाखों रुपये कैश, जेवर और कीमती सामान जलकर राख हो गये. बर्तन से लेकर पेटी में रखे नकद भी नहीं बच सका. पीड़ित लोगों ने बताया कि घर का पूरा सामान जल गया है. कुछ भी नहीं बचा. साढ़ें पांच घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद जब आग पर काबू पाया गया.
पटना. दोपहर का समय था…घर में कोई नहीं था. करीब डेढ़ बज रहा होगा. तभी बस्ती के दूसरे हिस्से से जोर-जोर से चिल्लाने की आवाज आयी. भागा हो…आग लग गेलवा. सामान न निकाला पहले घर से बच्चा सब के लेकर भागा. इतना कहना था कि भइया…बस्ती में भगदड़ मच गयी. हम लोग बच्चा, कपड़ा-लत्ता और बिछावन लेकर बाहर निकल गये. कम समय में जो घर से निकाल पाये उसे लेकर सड़क भागे. बस्ती से सामान लेकर लोग भाग ही रहे थे कि अचानक से सिलेंडर की ब्लास्ट से इलाका दहल उठा. लोग संभल ही पाते कि एक के बाद एक 12 से अधिक सिलेंडर फट गये. पूरा इलाका सिलेंडर के धमाके की आवाज से दहल उठा. तेज अगलगी और सिलेंडर के ब्लास्ट से एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती मरीज, परिजन और कर्मी सहम गये. लोग जैसे-तैसे अपने-अपने मरीज को स्ट्रेचर और गोद में लेकर सड़क पर उतर गये. देखते ही देखते पूरा अस्पताल परिसर खाली हो गया. स्थानीय लोग और पुलिस ने बताया कि अगर पांच मिनट की भी देरी होती तो एलएनजेपी अस्पताल में भी आग लग जाती और इसके बाद का जो स्थिति होती वह काफी भयावह होता.
लाखों रुपये कैश, जेवर और कीमती सामान जले
इस भीषण अगलगी की घटना में लोगों के लाखों रुपये कैश, जेवर और कीमती सामान जलकर राख हो गये. बर्तन से लेकर पेटी में रखे नकद भी नहीं बच सका. पीड़ित लोगों ने बताया कि घर का पूरा सामान जल गया है. कुछ भी नहीं बचा. साढ़े पांच घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद जब आग पर काबू पाया गया. इसके बाद पीड़ित अपने-अपने जले सामान को देखने के लिए पहुंचे और रोने लगे. इस दौरान पीड़ित लोग पुलिस से भी भीड़ गये. दरअसल पुलिस पीड़ितों को अंदर जाने से रोक रही थी. इसी को लेकर पीड़ित लोग आक्रोशित हो गये और कहने लगे कि अब बचा ही क्या है और जले हुए सामान को भी नहीं देखें. लोगों को आक्रोशित होता देख पुलिस ने सभी को अंदर घुसने दिया.
कारगिल चौक से दिख रहा था धुएं का गुब्बार
आग की लपटों से जो धुएं का गुब्बार उठ रहा था वह इतना ज्यादा था कि कारगिल चौक से ही दिख रहा था. लोगों को समझ नहीं आ रहा था कि आग लगी कहा. पुलिस के आला अधिकारियों ने बताया कि तेज हवा के कारण आग इतनी तेजी से फैल रहा था कि अगर सही समय पर दकमल की गाड़ियां नहीं पहुंचती तो आसपास के घरों में भी आग लग जाती है. पुलिस ने बताया बगल में गैस एजेंसी भी था, सबसे अधिक उसी को लेकर डर था.
एयरपोर्ट से आयी दमकल की बड़ी गाड़ियां
आग को देखते हुए जिला प्रशासन को एयरपोर्ट से एक बड़ी दमकल की गाड़ी मंगवानी पड़ी. इसके अलावा पटना के विभिन्न स्टेशनों से करीब 50 से अधिक दमकल एवं फायर ब्रिगेड की गाड़ियां पहुंची थी. एयरपोर्ट से मंगवायी गयी बड़ी गाड़ी ने जब पानी का बौछार करने लगी तो कुछ ही घंटों में आग पर पूरी तरह काबू पा लिया गया. फायर ब्रिगेड की टीम द्वारा चारों ओर से किये गये पानी के बौछार के कारण करीब छह बजे तक आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया.
चोरों ने सिलेंडर समेत कई कीमती सामान चुराये
आपदा की इस घड़ी में सबसे अधिक चोरों ने फायदा उठाया. एक तरफ बस्ती के लोग सामान निकाल रहे थे, तो दूसरी ओर चोर सिलेंडर समेत कई कीमती सामान चुरा लिये. हालत यह हुआ कि लोग आपस में लड़ने लगे. एक-दूसरे पर चोरी का इल्जाम लगाने लगे.
आंकड़ा
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100 से अधिक झोंपड़ियां जली
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400 से अधिक झोंपड़ियां जलने से बची
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2000 से अधिक परिवार प्रभावित
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50 से अधिक दमकल की गाड़ियां
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छह से अधिक थानों की पुलिस
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मंत्री तेजप्रताप यादव, डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह, एसएसपी राजीव मिश्रा और फायर ब्रिगेड की डीजी शोभा अहोटकर मौजूद
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12 से अधिक सिलेंडर ब्लास्ट
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24 घंटा के अंदर प्रति परिवार ₹ 9,800 का राहत अनुदान उपलब्ध कराने का निर्देश
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12 से अधिक मवेशियों की मौत
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साढ़े पांच घंटे में बुझायी गयी आग
केडीबी सहाय उच्च विद्यालय में सामुदायिक किचेन चलाने का निर्देश
जिलाधिकारी ने प्रभावित परिवारों की सूची बनाकर 24 घंटा के अंदर प्रति परिवार 9,800 का राहत अनुदान उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. बच्चों को तत्काल बिस्कुट दिया गया. वहीं लोगों को चूड़ा एवं गुड़ उपलब्ध कराया गया है. सूखा राशन भी उपलब्ध करायी जा रही है. इसके अलावा केडीबी सहाय उच्च विद्यालय में सामुदायिक किचन भी चलाने का निर्देश दिया है. पॉलिथिन शिट्स एवं टेंट का प्रबंध किया गया है. पेय जल एवं शौचालय की सुविधा, मेडिकल टीम तथा अन्य इंतजाम भी किया गया है. घटना में कोई व्यक्ति हताहत नहीं हुए हैं.