पटना. स्थानीय स्तर पर बेहतर काम करनेवाली राज्य की 12 पंचायतों को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार देने की घोषणा की गयी है. यह पुरस्कार 24 अप्रैल को मनाये जानेवाले राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर दिया जायेगा. इन पुरस्कारों की घोषणा पंचायती राज मंत्रालय द्वारा कर दी गयी है.
पंचायतों व ग्राम पर्षदों का मूल्यांकन 2019-20 के दौरान उनके द्वारा किये गये कार्यों के आधार पर किया गया है. पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने बताया कि बिहार के जिन स्थानीय सरकारों को यह पुरस्कार दिया गया है, उनमें सात ग्राम पंचायत, चार पंचायत समितियां और एक जिला पर्षद शामिल हैं.
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम पुरस्कार सीतामढ़ी जिले के सुरसंड की ग्राम पंचायत बगाढ़ी को दिया गया है. इसी प्रकार बाल हितैषी ग्राम पंचायत पुरस्कार नालंदा जिले के एकंगरसराय प्रखंड की कोसियावां ग्राम पंचायत को, ग्राम पंचायत विकास योजना पुरस्कार रोहतास जिले के अकोढ़ीगोला प्रखंड की बिसैनीकला ग्राम पंचायत को दिया गया है.
दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार जिला पर्षद नालंदा को दिया गया है. इसके अलावा दीनदयाल उपाध्याय सशक्तीकरण पुरस्कार रोहतास जिले की अकोढ़ीगोला पंचायत समिति, गया जिले की गया सदर पंचायत समिति, इमामगंज पंचायत समिति, औरंगाबाद जिले की कुटुंबा पंचायत समिति को दिया गया है.
इसके अलावा दीनदयाल उपाध्याय सशक्तीकरण ग्राम पंचायत पुरस्कार नालंदा जिले के सिलाव प्रखंड की सबैत ग्राम पंचायत को, दरभंगा जिले के केवटी रनवे प्रखंड की असराहा ग्राम पंचायत को , समस्तीपुर जिले के समस्तीपुर प्रखंड की मोहनपुर ग्राम पंचायत को और गया जिले के गया सदर प्रखंड की औरांव ग्राम पंचायत को देने की घोषणा की गयी है.
नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्रामसभा पुरस्कार : यह पुरस्कार ग्रामसभाओं के माध्यम से गांवों की सामाजिक और आर्थिक संरचना में सुधार से संबंधी उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली ग्राम पंचायतों एवं ग्राम पर्षदों को दिया जाता है.
यह पुरस्कार बाल-सुलभ प्रथाओं को अपनाने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली ग्राम पंचायतों एवं ग्राम पर्षदों को दिया जाता है .
यह पुरस्कार सेवाओं और सार्वजनिक वस्तुओं के वितरण में सुधार के लिए प्रत्येक स्तर पर पंचायती राज संस्थानों द्वारा किये गये अच्छे कार्य की मान्यता के लिए सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली पंचायतों को दिया जाता है.
ग्राम पंचायतों को स्वच्छता, नागरिक सेवाएं (पीने का पानी, स्ट्रीट लाइट, बुनियादी ढांचा), प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, दुर्बल वर्गों की सेवा (महिला, एससी, एसटी, विकलांग, वरिष्ठ नागरिक), सामाजिक क्षेत्र का प्रदर्शन, आपदा प्रबंधन, समुदाय आधारित संगठन कम्युनिटी बेस्ड आर्गेनाइजेशन व ग्राम पंचायतों का समर्थन करने के लिए स्वैच्छिक कार्रवाई करने वाले व्यक्तियों, राजस्व सृजन में नवाचार एवं इ-गवर्नेंस के लिए दिया जाता है.
यह पुरस्कार पंचायती राज मंत्रालय द्वारा जारी मॉडल दिशा निर्देशों के अनुरूप तैयार किये गये राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों के विशिष्ट दिशा निर्देशों के अनुसार अपनी जीपीडीपी तैयार करने वाली ग्राम पंचायतों एवं ग्राम पर्षदों को दिया जाता है.
Posted by Ashish Jha