Bhagalpur: 120 करोड़ खर्च, फिर भी गंगा में गिर रहा गंदा पानी, गंगा काे निर्मल रखने की योजना की समय-सीमा समाप्त

Bhagalpur: गंगा काे निर्मल करने की सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण की योजना का डेडलाइन फेल कर गया है. नया डेडलाइन अब मार्च निर्धारित किया गया है.

By Prashant Tiwari | January 11, 2025 8:00 AM
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गंगा काे निर्मल करने की सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण की योजना का डेडलाइन फेल कर गया है. नया डेडलाइन अब मार्च निर्धारित किया गया है. साथ ही दावा भी किया है कि जितना भी बन सका है, उसकी को साथ लेकर ट्रायल लिया जायेगा. जबकि, इस योजना को पूरी करने की डेडलाइन दिसंबर निर्धारित थी. इससे पहले भी कई बार डेडलाइन फेल हो चुका है. सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण साहेबगंज में कराया जा रहा है. काम अभी तक में 80 फीसदी ही पूरा हुआ है. यह 413.29 करोड़ राशि की स्वीकृत प्रोजेक्ट पर 385.09 करोड़ रुपये से निर्माण हो रहा है. कार्य की उपलब्धता पर अबतक 120 करोड़ खर्च हो चुका है.

बूढ़ानाथ से बरारी के बीच पांच पंपिंग स्टेशन बनाने पर अबतक नहीं हटा रोक

भागलपुर के बूढ़ानाथ से बरारी के बीच पांच पंपिंग स्टेशन के निर्माण कार्य पर रोक अबतक नहीं हटा है. यह रोक वन विभग ने डाॅल्फिन इकाे सेंसेटिव जाेन बता कर रोक लगा रखा है. शहर में 10 पंपिंग स्टेशन का निर्माण होना है लेकिन, अब बाकी के पांच पंपिंग स्टेशन को लेकर ही इस योजना को पूरी की जायेगी. पांच पंपिंग स्टेशन का निर्माण सूर्यलोक कॉलोनी, अलीगंज सहित अन्य जगहों पर हो रहा है.

60 फीसदी नाले के मुहाने को ही मोड़ा जा सकेगा

शहरी क्षेत्र के छोटे-बड़े नालों का पानी गंगा में सीधे प्रवाहित होता है. गंगा में गिरने वाले नाले के मुहाने को मोड़ा जायेगा. 43 नालों को 10 पंपिंग स्टेशन में पहुंचाने की योजना पर काम होना है, लेकिन, पांच पंपिंग स्टेशन का काम ठप है, तो 60 फीसदी नाले के मुहाने को ही मोड़ा जा सकेगा. ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 45 एमएलडी की रहेगी. लेकिन, मार्च में 25 एमएलडी से ही ट्रायल लिया जायेगा. नाले के मुहाने को मोड़ने और पंपिंग स्टेशन से जोड़ने के लिए राइजिंग मेन पाइप बिछायी जा रही है. 10.1 किलोमीटर ट्रंक सीवर लाइन का कार्य कराया जा रहा है. 6.3 किलोमीटर के नाले से शहर की छोटे व बड़े नालों को जोड़ा जायेगा. राइजिंग मेन नाले की गहराई करीब दो मीटर रहेगी. वहीं, ट्रंक सीवर के लिए तीन से छह मीटर की गहरायी होगी.

बचे हुए पांच पंपिंग स्टेशन का काम परमिशन लेकर करेगा पूरा

अभी तो मुमकिन नहीं है लेकिन, बाद में वन विभाग से परमिशन लेकर बाकी के बचे हुए पांच पंपिंग स्टेशन के निर्माण को बुडको पूरा करेगा. दरअसल, अभी परमिशन मिल भी जाता है तो यह मार्च तक पूरा नहीं हो सकेगा. बुडको मार्च इसको चालू करने की तैयारी में है.

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प्लांट चालू हुआ, तो रुकेगी पानी की बर्बादी, निर्मल रहेगी गंगा

सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट अगर चालू हुआ, तो शहर में पानी की बर्बादी रुकेगी. अभी जो पानी बर्बाद हो रहा है, वह फिर से इस्तेमाल में आयेगा. इस पानी का इस्तेमाल सिंचाई या औद्योगिक कामों में भी किया जा सकेगा. मीठे पानी के संसाधनों का संरक्षण होगा.

इस तरह करेगा पंपिंग स्टेशन काम

पंपिंग स्टेशन के सहारे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक पानी पहुंचेगा. पंपिंग स्टेशन पर जेनरेटर की सुविधा रहेगी. वहीं इलेक्ट्रो मैकेनिकल आनलाइन पैनल लगा रहेगा, जिससे नाले से मिलने वाले पानी और प्लांट तक पानी पहुंचाने का आटोमैटिक सिस्टम से रिकार्ड मिलता रहेगा.

सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट एक नजर में

सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण : साहेबगंज

क्षमता: 45 एमएलडी

नाले की संख्या : 43

प्रोजेक्ट वेल्यू : 385.09 करोड़ रुपये

अबतक खर्च : 120 करोड़

डेडलाइन : दिसंबर में फेल

नयी डेडलाइन : मार्च 2025

कार्य : 80 फीसदी

पंपिंग स्टेशन : 10 (पांच का काम ठप)

कार्य प्रारंभ : वर्ष 2021

बुडको का दावा

बुडको के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर अखिलेश प्रसाद ने दावा किया है कि वह मार्च में सीवरेज प्लांट का ट्रायल लेगा. पांच पंपिंग स्टेशन के निर्माण पर रोक की वजह से इसकी क्षमता 45 एमएलडी नहीं, बल्कि 25 एमएलडी रहेगा. नाले को मोड़ने का काम भी 60 फीसदी हो सकेगा. बाद में परमिशन लेकर बाकी के पांच पंपिंग स्टेशन के निर्माण को पूरा किया जायेगा, तो यह फुल कैपेसिटी के साथ काम करेगा.

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