पटना. स्वास्थ्य विभाग राज्य के छह सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस और पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) की सीटों में वृद्धि करने की तैयारी शुरू कर दी है. सीटों में वृद्धि को लेकर इन मेडिकल कॉलेजों को संसाधनों में वृद्धि के लिए केंद्र व राज्य सरकार ने 35.67 करोड़ रुपये जारी किये हैं.
जिन मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में सीटों में वृद्धि की तैयारी की जा रही है, उनमें पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल, नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल, दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल, एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर, जेएलएनएमसीएच भागलपुर और अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल गया शामिल हैं. कुल मिला कर एमबीबीएस की 120 सीटें बढ़ने वाली हैं.
जानकारों का कहना है कि सीटों में बढ़ोतरी की यह कवायद पिछले साल आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को दिये गये 10% आरक्षण के कारण की जा रही है. नेशनल मेडिकल कमीशन की ओर से मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में 100, 150, 200 और 250 एमबीबीएस सीटों की क्षमता के अनुसार स्वीकृति दी जाती है.
आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को अतिरिक्त आरक्षित सीटें आवंटित करने के कारण हर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सीटों की वृद्धि हुई है. अब इन सीटों को एनएमसी के मापदंड के अनुसार निर्धारित किया जाना है. ऐसे में डीएमसीएच और एसकेएमसीएच की 120-120 सीटों को बढ़ाकर 150-150 जा सकती है.
जेएलएनएमसीएच, भागलपुर और एएनएमसीएच, गया की 120-120 सीटों को भी बढ़ाकर 150 की जा सकती है. इसी तरह से स्नातकोत्तर कोर्स में भी एक शिक्षक पर दो छात्रों के अनुपात के अनुसार सीटों में वृद्धि करने के लिए आवश्यक संसाधन तैयार किया जाना है. नेशनल मेडिकल कमीशन की जांच के बाद ही सीटों की स्वीकृति मिलेगी.
सूबे के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों से पास करनेवाले एमबीबीएस को दो साल के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात किया जायेगा. इस वर्ष 1290 पदों पर एमबीबीएस डॉक्टरों की तैनाती होगी. इसके लिए बुधवार से ऑनलाइन आवेदन मांगे गये हैं. दो साल के बाद फिर से 1290 एमबीबीएस डॉक्टरों की तैनाती होगी.
स्वास्थ्य विभाग की ओर से राज्य के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों से एमबीबीएस पास करनेवाले डॉक्टरों की दो साल की सेवा को लेकर कुल 2580 फ्लोटिंग पदों का सृजन किया जायेगा. इन पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी. एमबीबीएस के लिए आरक्षित पदों में जेनरल के 516, एससी कोटि के 206, एसटी के13, इबीसी के 232, बीसी के 155 और पिछड़े वर्गों की महिलाओं के 39 पद शामिल हैं.
Posted by Ashish Jha