केंद्र के सहयोग से ही होगा सूबे का विकास

पटना: राज्य के विकास के लिए केंद्र का सहयोग जरूरी है. बिहार की समस्याओं से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अवगत कराया जायेगा. 12 जून के बाद विशेष राज्य का दर्जा समेत अन्य मांग उनके समक्ष रखी जायेगी. यह कहना है मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का. उक्त बातें मुख्यमंत्री ने जनता दरबार के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 10, 2014 1:32 AM

पटना: राज्य के विकास के लिए केंद्र का सहयोग जरूरी है. बिहार की समस्याओं से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अवगत कराया जायेगा. 12 जून के बाद विशेष राज्य का दर्जा समेत अन्य मांग उनके समक्ष रखी जायेगी.

यह कहना है मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का. उक्त बातें मुख्यमंत्री ने जनता दरबार के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहीं. पूर्व में भाजपा व नरेंद्र मोदी के नाम के विरोध पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अब यह भाजपा का नहीं प्रधानमंत्री का मामला है. नरेंद्र मोदी के नाम पर विरोध नहीं था. सैद्धांतिक आधार पर विरोध हुआ था और भाजपा से गंठबंधन तोड़ा गया था.

इंसेफलाइटिस से हो रही बच्चों की मौत के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मामला पुराना है. इसमें केंद्र सरकार व इससे जुड़ी संस्थाओं का सहयोग लिया जायेगा. दस जून को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बिहार-यूपी के स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक बुलायी है. इस पहल को वह सकारात्मक रूप से देखते हैं. बिजली की समस्या पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली की कमी को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. बिजली आपूर्ति में कुछ अनियमितता सामने आ रही है. उसे ठीक करने का आदेश दिया गया है. मौके पर मंत्री लेसी सिंह, बीमा भारती, रामधनी सिंह, नौशाद आलम, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह व सचिव दीपक कुमार मौजूद थे.

केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बिहार सरकार के गिरने के बयान पर सीएम ने कहा कि जब भी कोई सरकार बनती है तो दूसरे दिन से ही उसके गिरने के कयास लगाये जाते हैं. रामविलास पासवान विरोधी हैं और विरोध की राजनीति करते हैं. ऐसे में उनका बयान आना लाजिमी है. मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि मुख्यमंत्री के तौर पर यह उनका पहला जनता दरबार था. यह वैसा ही रहा जैसा पहले होता था. कोई विशेष अनुभव नहीं मिला. शिकायतों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि फरियादी जो शिकायत ले कर आते हैं. उसे संबंधित विभाग को भेज दिया जाता है, फिर जिलों में गठित कोषांग में चला जाता है. वहीं से उनकी समस्या का निष्पादन होता है. कई बार तो जनता दरबार में ऐसे लोग भी आते हैं, जिनकी समस्या की कमेटी बना कर जांच भी करवायी गयी है और वह गलत साबित हुआ है.

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