50 हजार इनामी समेत हीरो गैंग के चार बदमाश धराये, पुलिस मुठभेड़ में आरा का कुख्यात मनीष उर्फ हीरो ढेर
आरा (भोजपुर) : भोजपुर जिले में विगत दो माह से आतंक व दहशत फैलानेवाला कुख्यात अपराधी मनीष उर्फ हीरो मंगलवार की देर रात पुलिस मुठभेड़ के दौरान मारा गया. इस दौरान भोजपुर पुलिस व एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई में हीरो गैंग के चार सदस्य पुलिस के हत्थे चढ़ गये, जिसमें वाराणसी जिले का कुख्यात 50 […]
आरा (भोजपुर) : भोजपुर जिले में विगत दो माह से आतंक व दहशत फैलानेवाला कुख्यात अपराधी मनीष उर्फ हीरो मंगलवार की देर रात पुलिस मुठभेड़ के दौरान मारा गया. इस दौरान भोजपुर पुलिस व एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई में हीरो गैंग के चार सदस्य पुलिस के हत्थे चढ़ गये, जिसमें वाराणसी जिले का कुख्यात 50 हजार का इनामी कुंदन यादव भी शामिल है.
इनके पास से चार नाइन एमएम की पिस्टल, आठ कारतूस व पांच खोखे बरामद किये गये. पुलिस की यह कार्रवाई चार घंटे तक चली, जिसके बाद कुख्यात हीरो मुठभेड़ के दौरान मार गिराया गया. पकड़े गये अपराधियों में भोजपुर जिले के नारायणपुर गांव निवासी कुंदन कुमार उर्फ राजा, बक्सर जिले के राजपुर थाना क्षेत्र के पलिया गांव निवासी अभिषेक कुमार पांडेय उर्फ बिट्टू तथा नगर थाना क्षेत्र के शिवगंज शीतल टोला निवासी मोनू कुमार उर्फ मन्नू सिंह शामिल है.
इस संबंध में एसपी ने बुधवार को प्रेसवार्ता कर बताया कि ये सभी अपराधी पीरो थाना क्षेत्र के जितौरा बाजार के समीप किसी बड़े घटना को अंजाम देने की फिराक में थे. इसी क्रम में पुलिस को सूचना मिली और पुलिस द्वारा एक टीम गठित कर अपराधियों की धर पकड़ के लिए छापेमारी शुरू की गयी. इस पर जितौरा बाजार के समीप मनीष उर्फ हीरो फायरिंग करते हुए भाग निकला.
इसके बाद पुलिस ने उसका पीछा किया. चतुर्भुजी बरांव गांव में मुठभेड़ के दौरान वह मारा गया. पूरी मुठभेड़ में लगभग 20 से 30 राउंड गोलियां चलायी गयीं.
अपराधियों के पास से नाइन एमएम की चार पिस्टल, आठ कारतूस व पांच खोखे मिले
पीरो थाने के चतुर्भुजी बरांव गांव में पुलिस व अपराधियों के बीच चार घंटे चली मुठभेड़
50 व्यवसायियों से मांग चुका था रंगदारी
एसपी ने बताया कि हीरो के मरने के बाद कई लोगों ने बताया कि शहर के कई कोचिंग संचालक व व्यवसायियों से हीरो ने रंगदारी मांगी थी, हालांकि सूत्रों के मुताबिक कई लोगों ने पैसे भी दे दिये थे. रंगदारी के मामले में भोजपुर पुलिस की फाइलों में चार मामले ही दर्ज हैं. खौफ इतना था कि कोई मुकदमा भी दर्ज नहीं करा सका. वह मोबाइल नहीं रखता था, जिसके कारण उसका लोकेशन ट्रेस नहीं हो पाता था.