पटना: विधायक रेणु कुशवाहा और अन्नु शुक्ला की विधानसभा की सदस्यता समाप्त करने की जदयू की सिफारिश पर मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने मामले की सुनवाई की. इस दौरान रेणु कुशवाहा और अन्नु शुक्ला विधानसभाध्यक्ष कक्ष में उपस्थित हुईं. सुनवाई के बाद कक्ष से निकलते ही दोनों के सुर बदले गये. दोनों विधायकों ने कहा, नीतीश कुमार हमारे नेता हैं. करीब एक घंटे तक स्पीकर के कक्ष में
अन्नु शुक्ला ने कहा कि हमने स्पीकर से एक दिन की मोहलत मांगी है. समय मिल गया है. हम बुधवार को सफाई देंगे. अन्नु शुक्ला के साथ मंत्री विजय कुमार चौधरी, पीके शाही, महाचंद्र प्रसाद सिंह और श्रवण कुमार भी मौजूद थे. रेणु कुशवाहा अकेली आयी थीं और सुनवाई के बाद कहा कि मैंने अपना पक्ष रखा है. अन्नु शुक्ला ने कहा कि नीतीश कुमार हमारे नेता हैं. वह जिसे कहेंगे, हम वोट उसी को देंगे. उन्होंने यह भी कहा कि हम चाहते हैं विकास पुरुष नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री बने. इसके लिए उन्होंने किसी भी दबाव से इनकार किया. मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष द्वारा सुनवाई के मौके पर कई मंत्री और विधायक मौजूद रहे. सुनवाई के बाद अन्नु शुक्ला ने कहा कि मैं कभी नाराज नहीं थी. कभी मैंने प्रेस में या बाहर पार्टी और दल के नेता नीतीश कुमार के खिलाफ कुछ नहीं बोला. उन्होंने स्वीकार किया कि मैं लोस चुनाव लड़ना चाहती थी.
पार्टी ने टिकट नहीं दिया. इसके बावजूद चुनाव लड़ा. पार्टी को बता कर मैंने चुनाव लड़ा था. उन्होंने स्पष्ट किया कि मैं पूरी तरह पार्टी के साथ हूं. बिहार में विकास हुआ है. इस सरकार को बनाने में मेरे साहब की भी अहम भूमिका रही है. हम चाहेंगे कि सरकार चले. विकास पुरुष फिर अपनी जगह पर आएं. पार्टी के समर्थन में बयान देने के लिए उन्होंने किसी प्रकार के दबाव से इनकार किया. विधानसभा अध्यक्ष की सुनवाई के बारे में कहा कि वे जवाब देने के लिए कल तक का समय लिया है.
इधर, पत्रकारों से बचते हुए रेणु कुशवाहा ने विधानसभा के मुख्य द्वार के बजाय दक्षिणी गेट से विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में पहुंचीं. उनके कक्ष में हाजिरी देने के बाद उन्होंने कहा कि वे जवाब देने के लिए कल तक (बुधवार) का समय लिया है. पत्रकारों के प्रश्नों के जवाब में उन्होंने कहा कि स्वाभाविक है कि नीतीश कुमार उनके नेता हैं. उन्होंने कोर्ट में मामला दायर करने को स्वीकारते हुए कहा कि जब हम पार्टी में हैं तो वे हमारे नेता हैं. इस दौरान विधानसभा के प्रभारी सचिव के कार्यालय में राजद के भाई वीरेंद्र, साबिर अली के अलावा मंजीत कुमार सिंह, संजय गांधी आदि मौजूद थे.