2016 तक हर घर में शुद्ध पानी : महाचंद्र
पटना: 2016 तक बिहार के एक-एक घर में पीने का शुद्ध पानी मिलेगा. इस पर लगातार काम हो रहा है. घर-घर में शौचालय निर्माण भी होगा. ये बातें शनिवार को लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री महाचंद्र प्रसाद सिंह ने होटल मौर्या में ग्रामीण पेयजल आपूर्ति एवं स्वच्छता परियोजना के उद्घाटन समारोह में कहीं. उन्होंने कहा कि […]
पटना: 2016 तक बिहार के एक-एक घर में पीने का शुद्ध पानी मिलेगा. इस पर लगातार काम हो रहा है. घर-घर में शौचालय निर्माण भी होगा. ये बातें शनिवार को लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री महाचंद्र प्रसाद सिंह ने होटल मौर्या में ग्रामीण पेयजल आपूर्ति एवं स्वच्छता परियोजना के उद्घाटन समारोह में कहीं. उन्होंने कहा कि कई जिलों को आर्सेनिक, फ्लोराइड व आयरन प्रभावित जल से भी मुक्ति भी दिलानी है. पहले 250 की आबादी पर एक चापाकल लगाने का प्रावधान था, जिसे घटा कर अब सौ की आबादी कर दी गयी है. विभाग की प्रधान सचिव अंशुली आर्या ने कहा कि सभी जिलों में वाटर टेस्ट लैब हैं. अब अनुमंडलों में भी लैब खोले जायंेगे.
विश्व बैंक की प्रतिनिधि अस्मिता मिश्र ने कहा कि विश्व बैंक ने चार राज्यों उत्तरप्रदेश, झारखंड, असम और बिहार में ग्रामीण पेयजल आपूर्ति एवं स्वच्छता परियोजना के लिए आर्थिक मदद की है.
उन्होंने उम्मीद जतायी कि बिहार में इस योजना का लाभ 30 लाख लोगों को निश्चित रूप से मिलेगा. समारोह में बांका के डीएम साकेत कुमार, पीएचइडी के कई पदाधिकारी व ग्राम पंचायतों के मुखिया भी उपस्थित थे.
60 रुपये देना होगा मासिक शुल्क
योजना के तहत 10 जिलों में पाइप लाइन से जलापूर्ति की जायेगी. इस योजना पर 1606 करोड़ रुपये खर्च होंगे. विश्व बैंक ने 50 प्रतिशत राशि मुहैया करायी है, जबकि 33 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार को देनी है. 16 प्रतिशत राशि राज्य सरकार, जबकि एक प्रतिशत लाभुकों को देनी है. पटना, नालंदा, नवादा, बेगूसराय, मुंगेर, बांका, पूर्णिया, मुजफ्फरपुर, सारण व पश्चिमी चंपारण में पाइप लाइन बिछायी जानी है.