विधानसभा चुनाव में दिखेगी लालू-नीतीश की जोड़ी
वैशाली (बिहार): लोकसभा चुनाव में भाजपा के हाथों राजद और जद (यू) दोनों की करारी हार होने के बाद राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने बिहार विधानसभा चुनाव जद (यू) के साथ मिलकर लडने का आज संकेत दिया. उन्होंने कहा, ‘‘अगर राज्य में हाल में हुए संसदीय चुनाव में राजद और जद (यू) दोनों को मिले […]
वैशाली (बिहार): लोकसभा चुनाव में भाजपा के हाथों राजद और जद (यू) दोनों की करारी हार होने के बाद राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने बिहार विधानसभा चुनाव जद (यू) के साथ मिलकर लडने का आज संकेत दिया.
उन्होंने कहा, ‘‘अगर राज्य में हाल में हुए संसदीय चुनाव में राजद और जद (यू) दोनों को मिले मतों के हिस्सों को जोड दिया जाए तो यह 45 फीसदी तक पहुंच जाएगा जो भाजपा को हराने के लिए पर्याप्त होगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम साथ बैठेंगे और इस तरह के गठबंधन की व्यवहार्यता के बारे में बात करेंगे. मौजूदा राजनैतिक परिदृश्य में ‘मंडल’ सामाजिक न्याय के सिद्धांत से जुडी पार्टियों को एकजुट होना होगा. इसमें बदलाव की आवश्यकता है और हमें इसके बारे में सोचना है. हमें सबको साथ लेकर चलना होगा.’’
प्रसाद ने यहां राजद के दो दिवसीय 18 वें स्थापना दिवस कार्यक्रम को संबोधित करने के बाद कहा, ‘‘मंडल आयोग एक बम है जिसे राजद कार्यकर्ताओं को जलाने को तैयार रहना चाहिए.’’बिहार में 90 के दशक में सरकारी नौकरियों में ओबीसी के लिए आरक्षण की सिफारिश करने वाले मंडल आयोग की रिपोर्ट को लागू करने के बाद राजनीति तेजी से बदली थी. मंडल समर्थक ताकतों ने तब से कांग्रेस को राज्य में सत्ता से बेदखल कर रखा है.
लालू प्रसाद में नेतृत्व में 1989 में जनता दल सत्ता में आया और जनता दल से अलग होकर बने लालू प्रसाद नीत राजद का राज्य की सत्ता पर 2005 तक कब्जा रहा. उसके बाद एक अन्य ओबीसी नेता नीतीश कुमार सत्ता पर काबिज हुए. शुरुआत में नीतीश लालू के साथ ही थे लेकिन 1994 में उनसे अलग होकर अपनी अलग पार्टी बनाई थी.