पटना : विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने मिशन 175 प्लस बनाया है. शनिवार को प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में पार्टी ने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कार्यकर्ताओं को 8463 पंचायतों व 2,500 वार्डो में अभी से तैयारी करने का टास्क दिया. उद्घाटन भाषण में प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने कहा कि लोकसभा चुनाव में कार्यकर्ताओं की मेहनत से बिहार में पहली बार पार्टी को 21 सीटों पर जीत मिली.
बांका व भागलपुर में मामूली मतों से यदि हमारे प्रत्याशी न हारे होते, तो यह संख्या 23 होती. विधानसभा चुनाव में भी पार्टी को शानदार जीत मिलेगी. विभिन्न जातियों व पार्टी के लोग भाजपा से जुड़े हैं. विधानसभा चुनाव में भाजपा उनकी ताकत का इस्तेमाल करेगी. उन्होंने कहा कि पंचायत कमेटियों को और सुदृढ़ बनाया जायेगा.
उन्होंने कहा कि विरोधी मान चुके हैं कि वे अकेले भाजपा का सामना नहीं कर पायेंगे, इसलिए नया गंठबंधन बनाने में जुट गये हैं. लेकिन, जनता ने निर्णय ले लिया है कि वह बिहार को बरबाद नहीं होने देगी. अभी गंठबंधन बना भी नहीं है और बिहार 1990 की स्थिति में लौटने लगा है. राष्ट्रीय संगठन महामंत्री राम लाल ने कहा, बिहार में विधानसभा चुनाव भाजपा बनाम अन्य के बीच होगा. पहले चार राज्यों के चुनाव होने हैं, उसके बाद बिहार का चुनाव होगा, लेकिन पार्टी कार्यकर्ता एक दिन भी चैन से नहीं बैठेंगे.
मिथिलेश, पटना
विधानसभा उपचुनाव की घोषणा हो चुकी है. दसों सीटों पर जीत के लिए सभी दल जीत का गुणा-भाग लगा रहे हैं. पिछले विधानसभा और हाल में लोकसभा चुनाव की तुलना में मौजूदा परिदृश्य बदला हुआ है. एक-दूसरे के विरोधी रहे लालू प्रसाद और नीतीश कुमार साथ खड़े दिख रहे हैं, तो भाजपा ने लोजपा और रालोसपा के जरिये अपना विस्तार किया है. जदयू से नाता तोड़ने और लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा का यह पहला विधानसभा चुनाव है, तो लालू के करीब आये जदयू के लिए भी पहला अनुभव.
भाजपा के सामने लोकसभा चुनाव में मिली बड़ी जीत को दोहराने की चुनौती है, वहीं जदयू को अपनी नयी दोस्ती की परीक्षा देनी है. नीतीश के राजद से गंठबंधन के पक्ष में बयान देने के बाद यह तय है कि राजद और जदयू के बीच सीटों का बंटवारा होगा.जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने राजद के साथ चुनावी तालमेल पर कहा कि यह सही है कि हम और निकट आते जा रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि जीतन राम मांझी सरकार को विधानसभा में समर्थन और फिर राज्यसभा चुनाव में जदयू उम्मीदवारों को वोट करने के बाद जदयू और राजद के बीच तालमेल है ही. भाजपा ने उपचुनाव में सभी 10 सीटों को जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया
है. ऐसे में लोकसभा चुनाव में शिकस्त खा चुके जदयू और राजद के लिए दूसरी अग्नि परीक्षा साबित होने वाली है. जिन 10 सीटों पर उपचुनाव की घोषणा हुई है उनमें 2010 के विधानसभा चुनाव में सात सीटें भाजपा की रही हैं. तीन सीटें राजद कोटे की हैं. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने कहा कि उनकी सीटों के बंटवारे को लेकर अपने सहयोगी दलों से कोई बात नहीं हुई है. पार्टी सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है. उधर, रालेसपा ने कहा कि वह एनडीए के भीतर अपनी दावेदारी जतायेगी.
मांझी सरकार को विश्वास मत में समर्थन और राज्यसभा चुनाव के दौरान जदयू उम्मीदवारों को वोट दिये जाने के बाद जदयू की राजद से निकटता बढ़ी है.
वशिष्ठ नारायण सिंह, जदयू अध्यक्ष
हम सभी 10 सीटों पर चुनाव जीतने के लिए लड़ेंगे. भाजपा ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. किसी सहयोगी दल से इस मसले पर अभी बात नहीं हुई है.
मंगल पांडेय, भाजपा अध्यक्ष
भाजपा से मुकाबला करने के लिए राजद और जदयू को साथ मिल कर चुनाव लड़ना चाहिए. इस संदर्भ में अंतिम निर्णय राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद को लेना है.
डा रामचंद्र पूर्वे, राजद अध्यक्ष
उप चुनाव में रालोसपा की दावेदारी रहेगी. समय आने पर इस पर बात की जायेगी. हम एनडीए के साथ हैं और एनडीए चुनाव लड़ेगा.
उपेंद्र कुशवाहा, अध्यक्ष रालोसपा