बिहार विधानसभा हुई शर्मसार, जदयू-भाजपा विधायक भिडे, मारपीट की नौबत

मिथिलेश पटना: बिहार विधानपरिषद में गुरुवार को जदयू और भाजपा के सदस्यों के बीच मारपीट की नौबत आ गयी. पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी की मौजूदगी में दोनों पक्ष के सदस्य उलझ पडे. भाजपा के सदस्य सत्येंद्र कुमार सिंह, लाल बाबू लाल और मंगल पांडेय ट्रेजरी बेंच की ओर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 24, 2014 12:50 PM

मिथिलेश

पटना: बिहार विधानपरिषद में गुरुवार को जदयू और भाजपा के सदस्यों के बीच मारपीट की नौबत आ गयी. पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी की मौजूदगी में दोनों पक्ष के सदस्य उलझ पडे. भाजपा के सदस्य सत्येंद्र कुमार सिंह, लाल बाबू लाल और मंगल पांडेय ट्रेजरी बेंच की ओर बैठे जदयू सदस्य संजय सिंह की ओर ललकारते हुए आगे बढे.

जदयू से सतीश कुमार और प्रो. रणवीर नंदन ने इसका प्रतिवाद किया. दोनों ओर से तनातनी हुई. भाजपा के सदस्यों ने जदयू के संजय सिंह को बाहर निकलने और फरिया लेने की चुनौती दी. बात मारपीट तक आगे बढती इसके पहले पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पीएचइडी मंत्री महाचंद्र सिंह, जदयू पार्षद विनोद कुमार सिंह और निर्दलीय देवेश चंद्र ठाकुर ने बीच-बचाव की कोशिश की. जिसके कारण मारपीट की नौबत नहीं आयी.

वेल में खडे प्रतिपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी और भाजपा के सदस्य नारेबाजी करते रहे.खास यह कि धक्का मुक्की की यह नौबत तब आयी जब सभापति अवधेश नारायण सिंह ने सदन की कार्यवाही स्थगित होने की घोषणा कर दी थी. बीच-बचाव के बाद जब सदस्य सदन के बाहर निकले तो संजय सिंह ने कहा कि भाजपा के सदस्यों ने उनके साथ बदतमीजी की कोशिश की. उन्हें सदन में नहीं बोलने दिया जा रहा.

सरकार के मंत्री विजय कुमार चौधरी और राजीव रंजन सिंह तथा पी के शाही ने कहा कि प्रतिपेक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी खुद वेल में आकर भाजपा सदस्यों को हंगामा करने को उकसाया. मंत्रियों ने सभापति से कार्यवाही की वीडियो रिकार्डिंग मंगवा कर जांच करने की मांग की. सदन के बाहर भाजपा ने कहा कि वह आज दिन भर की कार्यवाही में विरोध स्वरूप हिस्सा नहीं लेंगे. जबकि सत्ताधारी दल ने भाजपा सदस्यों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने की घोषणा की.

क्या था मामला

भाजपा के बैद्यनाथ प्रसाद के तारांकित सवाल जो कि पिछडा , अति पिछडा वर्ग के छात्रों से जुडा था, प्रभारी मंत्री विजय कुमार चौधरी जवाब दे रहे थे. इस पर सदन में मौजूद प्रतिपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जब समाज कल्याण विभाग की अलग मंत्री हैं. तो फिर चौधरी जी क्यों जवाब दे रहे हैं. मोदी का सवाल अति पिछडा-पिछडा कल्याण विभाग की मंत्री बीमा भारती की सदन से गौरमौजूदगी और उनकी जगह प्रभारी मंत्री विजय कुमार चौधरी के जवाब देने से था.

उन्होंने कहा कि मंत्री अपना शपथ पत्र नहीं पढ पाती हैं, क्या यही ब्रांड बिहार है. उनके इतना कहने पर सत्ताधारी दल के सदस्य संजय सिंह ने कहा कि हुजूर सुशील मोदी को चौधरी जी नहीं माननीय मंत्री के रूप में संबोधित करना चाहिये. संजय सिंह दोबारा उठे और कहा कि हुजूर, मोदी जी को बोलने की बीमारी है. कुछ भी हो तो 15 मिनट उठ कर बोलने लगते हैं.

संजय सिंह ने आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि यह संसदीय परंपराओं के विपरीत है. तब मोदी ने कहा कि मैंने किसी असंसदीय शब्द का प्रयोग नहीं किया है तब यह संसदीय परंपरा के प्रतिकूल कैसे हैं. यह कहते हुए मोदी संजय सिंह के बयान पर आसन का ध्यान आकृष्ट करते हुए सदन के वेल में चले आये और उनके साथ ही भाजपा के सभी सदस्य भी वेल में आ गये. फिर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच वेल से ही एक-दूसरे के खिलाफ शब्दों का हमला शुरू हो गया.

इसी बीच सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्य आपस में हाथापाई पर उतारू हो गये. स्थिति यहां तक बिगड़ गयी कि आसन द्वारा सदन की कार्यवाही स्थगित करने की घोषणा के बाद भी दोनों पक्ष के सदस्य आपस में हाथपाई करते रहे और एक-दूसरे को देख लेने तक की धमकी दी.

मोदी ने कहा,नीतीश के इशारे पर हुई हाथापाई

विपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी ने मारपीट की नौबत के लिए सदन में मौजूद पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जदयू सदस्यों को उकसाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जदयू के सदस्य संजय सिंह ने उनके साथ गाली गलौज की इसके बाद भाजपा के सदस्य उत्तेजित हुए. यह सब जब सदन में चल रहा था तब पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी वहां मौजूद थे.

मोदी का कहना था कि जब भाजपा सरकार में थी तब पिछडे़ व अतिपिछडे़ वर्ग के छात्र-छात्राओं को एक लाख रुपये तक छात्रवृति देने का प्रावधान था लेकिन उनके सत्ता से हटते ही जदयू की सरकार ने उनकी छात्रवृति राशि को एक लाख से घटाकर महज पांच हजार रुपये तक कर दिया है.

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