मोदी ने जताया खेद तो जदयू भी नरम

गुरुवार को हाथापाई, शुक्रवार को बदले सुर पटना : विधान परिषद में सत्ता पक्ष व मुख्य विपक्षी दल भाजपा के बीच तनातनी समाप्त हो गयी है. शुक्रवार को दोनों पक्षों के बीच सुलह-समझौता हुआ. इसके साथ ही सदन की कार्यवाही एक बार फिर पटरी पर लौट आयी. दोनों पक्षों के वरिष्ठ नेताओं ने गुरुवार की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 26, 2014 5:29 AM

गुरुवार को हाथापाई, शुक्रवार को बदले सुर

पटना : विधान परिषद में सत्ता पक्ष व मुख्य विपक्षी दल भाजपा के बीच तनातनी समाप्त हो गयी है. शुक्रवार को दोनों पक्षों के बीच सुलह-समझौता हुआ. इसके साथ ही सदन की कार्यवाही एक बार फिर पटरी पर लौट आयी.

दोनों पक्षों के वरिष्ठ नेताओं ने गुरुवार की घटना के लिए खेद व्यक्त किया और भविष्य में बिहार के गौरवशाली अतीत व उच्च सदन की गरिमा को बरकरार रखने का संकल्प भी दोहराया. सदन ने एक स्वर से पूरे प्रकरण में पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को क्लीन चिट देते हुए उन्हें पूरे सम्मान के साथ आमंत्रित किया. सदन की भावनाओं का सम्मान करते हुए नीतीश कुमार भी कार्यवाही में भाग लेने को राजी हुए. जदयू ने भाजपा के चार सदस्यों के निलंबन का प्रस्ताव वापस ले लिया और नेता प्रतिपक्ष सुशील कुमार मोदी ने घटना के लिए खेद जताया.

नीतीश को दी क्लीन चिट

गुरुवार को सदन में हाथापाई के बाद नीतीश कुमार ने कहा था कि मेरे लंबे संसदीय जीवन में इस तरह के आरोप मुझ पर कभी नहीं लगे और जब तक यह सदन मुझे आरोपमुक्त नहीं कर देता है, सदन की कार्यवाही में मैं भाग नहीं लूंगा. उनके इस बयान को लेकर सभापति अवधेश नारायण सिंह ने शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले सर्वदलीय बैठक बुलायी, जिसमें नेता प्रतिपक्ष सुशील मोदी, जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार, भाजपा के सदस्य मंगल पांडेय, राजद के मिश्रीलाल यादव, भाकपा के केदारनाथ पांडेय, निर्दलीय देवेशचंद्र ठाकुर समेत कई अन्य सदस्यों ने भाग लिया. बैठक करीब 50 मिनट चली. इसमें दोनों पक्षों के सदस्यों ने कल की घटना पर खेद व्यक्त किया और इस मामले में नीतीश कुमार पर लगे सभी आरोपों को वापस लेने की घोषणा की. दोनों ही पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ सदन में पेश किये गये अपने-अपने प्रस्ताव को वापस लेने की भी घोषणा की. जदयू के नीरज कुमार ने भाजपा के चार सदस्यों-मंगल पांडेय, लालबाबू प्रसाद, सूरज नंदन प्रसाद व सत्येंद्र नारायण सिंह को निलंबित करने का प्रस्ताव वापस लिया, वहीं भाजपा के रजनीश कुमार ने जदयू के तीन सदस्यों-संजय सिंह, सतीश कुमार व रणवीर नंदन को निलंबित करने का प्रस्ताव वापस लिया. दोनों पक्षों ने इसकी घोषणा सदन के अंदर की. सभापति अवधेश नारायण सिंह से इस प्रकरण को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा, मैंने पूरी घटना के वीडियो फुटेज देखे हैं. उनमें नीतीश कुमार की भूमिका सराहनीय थी. उन पर लगाया गया उकसावे का आरोप पूरी तरह बेबुनियाद है.

सत्ता पक्ष ने भाजपा के चार सदस्यों के निलंबन का प्रस्ताव लिया वापस

सुबह का भूला शाम को घर लौट आये, तो भूला नहीं कहते : मांझी

विधान परिषद में गतिरोध खत्म होने पर मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने प्रसन्नता व्यक्त की. मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि अगर सुबह का भूला शाम को घर लौट आता है, तो उसे भूला नहीं कहते हैं. हमने अपनी संवेदनशीलता का परिचय दिया है. इसमें आसन की भूमिका भी काफी सराहनीय है. हमारी नजर नेता प्रतिपक्ष सुशील कुमार मोदी पर थी कि वह इस प्रकरण में क्या सोचते हैं.

उन्होंने सदन की मर्यादा का ख्याल रखा और सदन में खेद व्यक्त किया. यह उनका बड़प्पन है. मुख्यमंत्री ने कहा, मैं वर्ष 1980 से संसदीय जीवन में हूं और वर्ष 2005 से नीतीश कुमार के साथ काम कर रहा हूं. अब तक सात मुख्यमंत्रियों के साथ काम किया है. गरीबों के प्रति पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नजरिये का हम सम्मान करते हैं.

वह हमारे लिए आइकॉन हैं. अगर हमारी पार्टी के किसी भी सदस्य ने कोई गलत आचरण किया है, तो मैं खेद व्यक्त करता हूं. साथ ही दोनों पक्षों के सदस्यों द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ कार्रवाई के प्रस्ताव को वापस लिये जाने पर उन्होंने आभार व्यक्त किया. कहा, इस घटना ने हमें आसमान की ऊंचाई से हनुमान कूद की तरह हमें सीधे जमीन पर ला पटका था. हमने अपनी गलतियों को ठीक कर लिया है. आज बिहार के विकास की चर्चा विदेशों में हो रही है.

ऐसे में इस तरह की घटना का कहीं कोई स्थान नहीं है. इस घटना से नीतीश कुमार को भी गहरा आघात लगा है. उनके लंबे संसदीय जीवन में इस तरह के आरोप कभी नहीं लगे थे. यह पहली घटना थी, जिसमें उनके ऊपर उंगली उठायी गयी थी. मुख्यमंत्री ने भी नीतीश कुमार को सदन में आने का सम्मानपूर्ण आमंत्रण देते हुए मौजूदा सत्र के बाकी तीन दिनों की कार्यवाही में भाग लेने का आग्रह किया.

नीतीश जी रहते हैं, तो सदन की गरिमा बढ़ती है : मोदी

विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सुशील मोदी ने गुरुवार की घटना के लिए खेद व्यक्त किया. उन्होंने कहा, कल जो कुछ भी हुआ, वह दुखद है. हमारी जगहंसाई हुई है. उन्होंने दोनों पक्षों के सदस्यों से संयम बरतने की अपील की और ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए सतर्क रहने की भी बात कही.

उन्होंने कहा, पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रहते हैं, तो सदन की गरिमा बढ़ती है. वह सदन में आएं, हम उनका स्वागत करते हैं. नीतीश कुमार, लालू प्रसाद और रामविलास पासवान से मेरा संबंध नया नहीं, बल्कि 40 वर्षो का है. मैंने कॉलेज के जमाने से इनके साथ काम किया है और दिल से इन सभी का सम्मान करता हूं. मैं लगातार साढ़े सात वर्षो तक नीतीश कुमार का डिप्टी

रहा हूं. मैंने जदयू अध्यक्ष शरद यादव को राजनीतिक गुरु माना है. मेरे राजनीतिक जीवन में उनका बड़ा योगदान है. मैं आसन के नियमन का सम्मान करता हूं व नीतीश कुमार को सदन में दिल से आमंत्रित करता हूं.

मामले का पटाक्षेप हो गया : नीतीश

नेता प्रतिपक्ष सुशील मोदी द्वारा आरोप वापस लेने और घटना पर खेद जताने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन की कार्यवाही में हिस्सा लिया. कार्यवाही में भाग लेने के बाद उन्होंने कहा कि मामले का पटाक्षेप हो गया है. अब इस पर आगे कुछ बात करने की आवश्यकता नहीं है.

गुरुवार को मोदी ने उन पर जदयू सदस्य संजय सिंह को उकसाने का आरोप लगाया था. इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक सदन में मेरे लिए बैठना मुश्किल है और दोषी साबित होने पर सदस्यता भी त्याग दूंगा.

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