पटना: जनता दल यूनाईटेड टूट के कगार पर हैं. विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी में मतभेद है. दूसरी ओर भाजपा भी इस टूट की घोषणा करते हुए दावा कर रही है कि बिहार में सत्ताधारी पार्टी जदयू मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के समूह और पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समूह के रुप में टूटकर अलग होने वाली है.
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज से कहा कि प्रदेश में सत्ताधारी पार्टी जदयू टूट की ओर अग्रसर है. उन्होंने बताया कि अगले बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार के नेतृत्व को लेकर भी जदयू में मतभेद बरकार है.सुशील ने कहा कि मुख्यमंत्री के करीबी मंत्री सार्वजनिक तौर पर यह कह रहे हैं कि चुनाव जीतन राम मांझी के नेतृत्व में लडा जाएगा जबकि जदयू द्वारा पूर्व में पारित एक प्रस्ताव में कहा गया था कि चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लडा जाएगा.
उन्होंने दावा किया कि जदयू में जो स्थिति है उससे यह स्पष्ट होता है कि उक्त दल जीतन राम मांझी नीत जदयू-एम और दूसरा नीतीश कुमार नीत जदयू-एन के रुप में टूट के कगार है.सुशील कुमार मोदी ने जदयू के कुछ वरिष्ठ मंत्रियों द्वारा अनादर करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह द्वारा पिछले सप्ताह सदन के भीतर यह कहा जाना कि नौकरशाहों और जिलाधिकारियों ने सूखे को लेकर मुख्यमंत्री को सही रिपोर्ट दी है, मुख्यमंत्री के बयान का खंडन है.
सुशील ने आरोप लगाया कि जदयू नेतृत्व के भीतर मतभिन्नता के कारण प्रदेश सरकार मजाक बनकर रह गयी और सुशासन समाप्त हो जाने को देखते हुए प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी को फिर से जनादेश प्राप्त करना चाहिए क्योंकि वह नैतिकता के आधार पर सत्ता में बने रहने की विश्वसनीयता खो चुकी है.उन्होंने कहा कि हालांकि उनकी पार्टी भाजपा जदयू में किसी प्रकार की टूट के लिए इच्छुक नहीं है तथा वह इस कोशिश में भी नहीं है कि सरकार गिर जाए बल्कि वह चाहती है कि प्रदेश में सत्ताधारी पार्टी अपने मतभेदों के कारण स्वयं गिर जाएगी.