गिरे ओले, तेज हवा के साथ हुई 13.2 मिमी बारिश
रविवार को एक फिर से मौसम ने अपनेरंग किसानों को दिखा गया. तेज हवा के बीच हुई बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है. नुकसान के साथ गेहूं की कटनी पर ब्रेक लगा दिया है. रविवार की शाम चार बजे के बाद आसमान का रंग बदल गया. देखते ही देखते आसमां से जहां ओला बरसे, वही तेज हवा के बीच जमकर बारिश हुई.
गोपालगंज : रविवार को एक फिर से मौसम ने अपनेरंग किसानों को दिखा गया. तेज हवा के बीच हुई बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है. नुकसान के साथ गेहूं की कटनी पर ब्रेक लगा दिया है. रविवार की शाम चार बजे के बाद आसमान का रंग बदल गया. देखते ही देखते आसमां से जहां ओला बरसे, वही तेज हवा के बीच जमकर बारिश हुई. हवा, पानी और ओले गिरने का सिलसिला पूरी रात रुक-रुक कर जारी रहा. रविवार की शाम से पूरी रात मिलाकर जिले में औसतन 13.2 मिमी बारिश हुई. सर्वाधिक 25 मिमी बारिश सदर प्रखंड में हुई. इधर तेज हवा, ओले और बारिश ने किसानों को जमकर नुकसान पहुंचाया है. जिले में अभी भी 45 हजार हेक्टेयर से अधिक की कटनी बाकी है.
रविवार को बहुत से किसान कटनी किये थे. बारिश में भींगने के कारण उनकी काटी गयी फसल खेतों में पड़ी है, वहीं गेहूं की फसल का 20 से 25 फीसदी तक नुकसान हुआ है. नुकसान को लेकर किसान परेशान हैं. इधर बारिश के बाद सोमवार को अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 23 डिग्री से सेल्सियस रहा, वहीं आसमां में बादलों का आना-जाना जारी रहा. मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को भी आसमान में बादल छाये रहेंगे तथा बुंदा-बांदी की संभावना बनी रहेगी.अब हुई बारिश तो किसान हो जायेंगे कंगालआसमान में बादलों को देख किसानों का कलेजा फट रहा है. अब यदि बारिश हुई तो किसानों का कंगाल होना तय है, क्योंकि पहले ही तीन बार की आंधी, पानी और ओला गेहूं की फसल को तहस-नहस कर चुका है.
इधर किसान अपनी बर्बादी पर माथा पीट रहें हैं, उधर मौसम ठीक होने का नाम नहीं ले रहा है. विगत दो माह में तीन बार आयी आंधी-पानी ओर भारी ओलावृष्टि से गेहूं के साथ-साथ आम-लीची की फसल बर्बाद को भी बर्बाद करके रख दिया है. मौसम ठीक नहीं हुआ तो उनकी मेहनत पर पानी फिरना तय है. ऐसे में किसान भगवान से मौसम ठीक होने की दुआ कर रहें हैं.फसल क्षति का हो आकलन, किसानों को मिले राहतथावे, पूर्व मुखिया ओमप्रकाश राय भुट्टु ने कृषि मंत्री को पत्र लिखकर फसल क्षति का आकलन कराने की मांग की है.
भेजे गये पत्र में कहा गया है कि मार्च से अब तक हुए आंधी, पानी और ओला से गेहूं की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. कृषि विभाग कागजों पर नुकसान का सर्वे कर शून्य बता रहा है. इधर किसानों के मेहनत पर पानी पड़ रहा है, उधर कृषि विभाग कोरोना के लॉकडाउन में अपने को लॉक कर लिया है. उन्होंने कहा है कि किसान कोरोना के लॉकडाउन और मौसम की दोहरी मार झेलने को विवश है. मौसम की मार से रबी के हुए नुकसान का किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराकर किसानों को राहत पहुंचायी जाये.