बिहार के बिजली प्रबंधन में सुधार के लिए बनी 13270 करोड़ की योजना, नाइट टाइम बिजली में 474 फीसदी का इजाफा
ऊर्जा मंत्री यादव ने दो टूक कहा कि सात निश्चय के तहत 4.80 लाख किसानों को बिजली अनुदान देंगे. कहा कि हम पड़ौसी राज्यों की तुलना में हम सस्ती बिजली दे रहे हैं. जोर देते हुए बताया कि बिहार में नाइट टाइम बिजली में शानदार इजाफा हुआ है.
बिहार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा है कि बिहार के बिजली प्रबंधन की रह गयी कमियों को सुधारने के लिए ऊर्जा विभाग ने 13270 करोड़ की योजना बनायी है. इस राशि से बिहार के समूचे बिजली सिस्टम का कायाकल्प कर दिया जायेगा. ऊर्जा मंत्री ने यह बात विधान परिषद की दूसरी पाली में वित्तीय वर्ष 2023-24 के ऊर्जा विभाग के आय-व्ययक पर हुई चर्चा के जवाब में कही.
4.80 लाख किसानों को बिजली अनुदान
ऊर्जा मंत्री यादव ने दो टूक कहा कि सात निश्चय के तहत 4.80 लाख किसानों को बिजली अनुदान देंगे. कहा कि हम पड़ौसी राज्यों की तुलना में हम सस्ती बिजली दे रहे हैं. जोर देते हुए बताया कि बिहार में नाइट टाइम बिजली में शानदार इजाफा हुआ है. इसरो की रिपोर्ट के हवाले से उन्होंने बताया कि बिहार में रात में बिजली की उपलब्धता में 474 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. उन्होंने कहा कि बिहार बिजली खरीद के लिए वन नेशन -वन टैरिफ की मांग करता रहा है. कहा कि बिहार में 1.90 करोड़ से अधिक बिजली उपभोक्ता है. कहा कि प्रदेश सरकार ने लोगों के हितों के मद्देनजर पिछले चार साल से बिजली दरों में इजाफा नहीं किया है.
दूसरी हरित क्रांति उत्तरी बिहार में ही होगी
ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद ने दो पूर्व प्रधानमंत्रियों दिवंगत अटल बिहार वाजपेयी और मनमोहन सिंह का जिक्र किया. कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने बिहार में ग्रामीण क्षेत्रों के विद्युतीकरण की सौगात दी. बताया कि छह हजार करोड़ रुपये का पैकेज बिजली ,नहर और सड़क निर्माण के लिए दिये थे. इसी तरह मनमोहन सिंह की भी प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में 12 हजार रुपये दिये. हम इन दोनों प्रधानमंत्रियों के योगदान को नहीं भूल सकते हैं. कहा कि अटल बिहार वाजपेयी ने उस समय बिहार के दलों की विकास को लेकर जो एकता दिखाई थी, उसे सकारात्मक बिहारीपन की संज्ञा दी थी. कहा था कि मैं भी बिहारी हूं. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि दूसरी हरित क्रांति उत्तरी बिहार में ही होगी, जहां तीन क्रॉप के लिए संसाधन मौजूद हैं. उनके भाषण के दौरान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने कई बार हस्तक्षेप किया.