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पत्नी व मासूम बेटी को सिगरेट से दागता था पिता

मुजफ्फरपुर: रजनी व उसकी पांच साल की मासूम बेटी स्वाति जब अपने ऊपर होनेवाले जुल्मों के बारे में बताती हैं, तो जिस तरह की बातें पांच साल की मासूम कहती है. उससे इंसानियत तक शर्मसार हो जाती है, लेकिन नहीं पसीजता था, तो रजनी के पति व स्वाति के कलयुगी पिता राजन का कलेजा. शराब […]

मुजफ्फरपुर: रजनी व उसकी पांच साल की मासूम बेटी स्वाति जब अपने ऊपर होनेवाले जुल्मों के बारे में बताती हैं, तो जिस तरह की बातें पांच साल की मासूम कहती है. उससे इंसानियत तक शर्मसार हो जाती है, लेकिन नहीं पसीजता था, तो रजनी के पति व स्वाति के कलयुगी पिता राजन का कलेजा.

शराब का आदी राजन रोज नये तरीके से पत्नी व बच्ची को प्रताड़ित करता. इसमें राजन का साथ उसकी मां व बहन भी देतीं. उस दादी को तनिक भी दया नहीं आती, जिसकी फूल जैसी नातिन स्वाति पर अत्याचार होते. स्वाति का पिता जब उसे जलती सिगरेट से दागता था, तो उसकी दादी व बुआ चुपचाप पूरा नजारा देखती रहती. वह राजन का ही साथ देती थी. लगभग छह साल तक ऐसे अत्याचार सहने व कई बार पंचायत के बाद भी जब राजन के अत्याचार कम नहीं हुये, तो रजनी को अपने जान बचाने की गुहार भाई श्याम सुंदर कुमार से लगायी. श्याम ने भी बहन को समझाया और उसे ससुराल में ही रहने को कहा, लेकिन राजन का अत्याचार कम नहीं हुआ.

कई बार रजनी को गला घोंट कर मारने की कोशिश की गयी. इससे भी जब मन नहीं भरा, तो घर से बाहर निकाल दिया. पड़ोसियों तक को रजनी पर होनेवाले आत्याचार से दुख होता था. उन्होंने कुछ दिन रजनी को अपने यहां पनाह दी. अब रजनी अपने मायके में है. वृद्ध पिता से रजनी की हालत देखी नहीं जाती, उनकी हालत दिनोंदिन खराब होती जा रही है. वहीं, भाई श्याम सुंदर को रजनी के साथ अपनी छोटी बहन की चिंता सता रही है, जिसकी अभी शादी होनी है.

फिनायल पिलाने की कोशिश
रजनी बताती है, एक दिन उसे सास व ननद ने फिनायल पिलाने की कोशिश की थी. इसकी जानकारी उसने अपने मायकेवालों को दी, तो आसपास के लोग इकट्ठा हुये. पंचायत हुई, जिसमें राजन ने अपनी गलती स्वीकार की और कहा, आगे से ऐसा नहीं होगा, लेकिन फिर से उसने वही हरकतें शुरू कर दी. इसमें सास व ननद भी साथ देंती. वह उसके घर वालों का नाम लेकर उलाहना देती थीं, जिसे रजनी सुन कर बर्दाश्त करती थी. उसे खाने में राजन का जूठन ही नसीब होता था. अगर वह किचेन से खाने की मांग करती थी, तो उसकी पिटाई की जाती थी. रजनी बताती है, हाल के दिनों में सास व ननद ने उसका गला दबा कर हत्या करने की कोशिश की, लेकिन शोर मचाने की वजह से वह बच गयी.

सहती रही प्रताड़ना
रजनी बताती है, हमारी शादी भाई श्याम सुंदर ने बड़ी धूमधाम से ये सोच कर की थी. ससुराल अच्छी मिलेगी, तो हमारी जिंदगी अच्छी बीतेगी, लेकिन शादी के बाद से हमारे साथ अमानवीय व्यवहार शुरू हो गया. पति राजन शराब का आदी हो गया. शुरू में मैंने ये सोच कर उसकी ओर से दी जानेवाली प्रताड़ना सही कि बहन की शादी का टेंशन होगा. हो सकता है, उसकी की वजह से वो ऐसा करते होंगे, लेकिन 2012 में जब ननद की शादी हो गयी, तब भी उसकी प्रताड़ना का सिलसिला जारी रहा. शराब पीकर रजनी के साथ मारपीट तो आम बात थी. कभी, उसे बाथरूम में बंद कर दिया जाता, तो कभी किचेन के अंदर कैद कर दिया जाता था.

बार-बार की गलती
आस पड़ोस के लोग जब रजनी पर होनेवाले अत्याचारों को देखते तो उनसे भी नहीं रहा जाता था. वह उसे बचाने के लिए पहुंच जाते थे. ये बात भी राजन की मां व बहन को अच्छी नहीं लगती थी. बताते हैं, राजन ने अपनी बहन की शादी की थी, लेकिन ससुराल में उसकी नहीं बनी, जिसके बाद से राजन ने और शराब पीनी शुरू कर दी. बहन वापस आ गयी. इसके बाद रजनी पर अत्याचार और बढ़ गये. रात में राजन जब शराब पीकर घर आता, तो कई बार रजनी को सिगरेट से जला देता था. इसका विरोध जब उसकी बच्ची करती, तो उसे भी जला देता था. पांच साल की मासूम स्वाति जब अपने पिता व दादी के जुल्मों की बात कहती है, तो सुननेवाले का कलेजा पसीज जाता है.

छोड़वा दिया स्कूल
वो बताती है, किस तरह से दादी ने उसका स्कूल जाना छोड़वा दिया, जबकि शहर से प्रतिष्ठित नार्थ प्वाइंट स्कूल में उसका दाखिला हुआ था, लेकिन मासूम को स्कूल जाने तक की आजादी नहीं थी. स्वाति की मां को अकेले बाथरूम तक जाने की इजाजत नहीं थी. हालात यहां तक बिगड़ गये थे कि रजनी को फर्श पर सुलाया जाता था. अगर वो विरोध करती, तो सास-ननद मिल कर उसके साथ ज्यादती करतीं. मोहल्ले के लोग भी कहते हैं, पूरे परिवार का व्यवहार ठीक नहीं है. वह रजनी को बुरी तरह से प्रताड़ित करते हैं. कैसे वो इन लोगों के बीच में इतने दिन रही, ये ताज्जुब लगता है.

पढ़े-लिखों का कारनामा
रजनी व उसकी मासूम बेटी से जानवरों से भी बदतर व्यवहार करनेवाले पढ़े-लिखे व समाज के कथित धनवान परिवार से आते हैं, लेकिन इनका व्यवहार ऐसा है कि पड़ोसियों से साथ रिश्तेदार भी इनसे कन्नी काटने लगे हैं. इधर, रजनी ने भी अपने पति, सास व ननद के खिलाफ प्रताड़ना का मामला दर्ज करा दिया है. इसको लेकर भी पति की ओर से उसे व उसके भाई को धमकियां दी जा रही हैं. ऐसे मामलों से मेरा कुछ नहीं बिगड़नेवाला. हम तुम्हे मजा चखा देंगे. पुलिस जांच के लिए बुलाती है, तो राजन व उसके परिजन थाने नहीं आते.

छूट गयी कॉपी-किताब
स्वाति के स्कूल जाकर पढ़ने की ललक है. बातचीत के दौरान वो अपना आइ कार्ड दिखाती है, जो स्कूल की ओर से जारी किया गया था. साथ ही कहती है, मेरी कॉपी-किताब सब पापा के घर में छूट गयी. अब कैसे पढ़ेंगे. वो स्कूल के उन दिनों को भी याद करती है, जब वह वहां अपने क्लास के बच्चों के साथ खेलती थी. पांच साल के उम्र में ही स्वाति में जो समझदारी है, वो काबिले तारीफ है. वो हर घटना को बड़ी बारीकी से बताती है. कैसे पापा मां का बाल पकड़ कर नोचते थे. कैसे गर्दन दबा देते थे.

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