छपरा में राम-जानकी मठ से आठ करोड़ रुपये की तीन मूर्तियां चोरी
मांझी (सारण) : फतेहपुर सरैया गांव में स्थित राम जानकी मठ से चोरों ने आठ करोड़ रुपये मूल्य की अष्टधातु की तीन मूर्तियों की चोरी कर ली. घटना की जानकारी रविवार को दिन में ग्रामीणों को तब हुई, जब मठ की तरफ गये. मठ का पुजारी कई दिनों से पूजा छोड़ कर गायब है. उसके […]
मांझी (सारण) : फतेहपुर सरैया गांव में स्थित राम जानकी मठ से चोरों ने आठ करोड़ रुपये मूल्य की अष्टधातु की तीन मूर्तियों की चोरी कर ली. घटना की जानकारी रविवार को दिन में ग्रामीणों को तब हुई, जब मठ की तरफ गये. मठ का पुजारी कई दिनों से पूजा छोड़ कर गायब है. उसके नहीं रहने से मठ बंद था. मठ के अंदर लकड़ी के बॉक्स में मूर्तियां रखी हुई थीं. बॉक्स का ताला टूटा देख ग्रामीणों ने मांझी पुलिस को सूचना दी.
सूचना पर पहुंचे थानाध्यक्ष नीरज कुमार मिश्रा मामले की छानबीन में जुट गये हैं. चोरी गयीं मूर्तियां श्री राम, लक्ष्मण व सीता की हैं. प्रत्येक मूर्ति का वजन 35 किलोग्राम बताया जाता है. ग्रामीणों के अनुसार चोरी गयी मूर्ति दो सौ वर्ष पुरानी बतायी जाती है. वर्तमान में चोरी गयीं मूर्तियों की कीमत लगभग आठ करोड़ रुपये बतायी जाती है.
जिले के अलावा यूपी में की जा रही छापेमारी : मूर्ति चोरी के बाद पुलिस ने आसपास के जिले के अलावा उत्तर प्रदेश की कई जगहों पर छापेमारी शुरू कर दी है. बलिया जिले की कई जगहों के अलावा पुलिस यूपी की कई जगहों पर भी छापेमारी कर रही है.
2012 में पुजारी को बंधक बना अपराधियों ने लूट ली थीं तीनों मूर्तियां
इससे पहले भी आठ दिसंबर, 2012 को तत्कालीन पुजारी गोरखदास को बंधक बनाकर अपराधियों ने तीनों मूर्तियों को लूट लिया था व नदी के रास्ते भाग निकले थे. इसके बाद काफी हो-हंगामा भी हुआ था. इसके तीन साल बाद सात मार्च, 2015 को बलिया जिले के हल्दी थाना पुलिस ने बेचने के क्रम में लूटी गयीं तीनों मूर्तियों के साथ तीन अपराधियों को गिरफ्तार किया था. हालांकि अपराधियों ने मूर्तियों को खंडित कर दिया था. गिरफ्तार तीनों अपराधी बलिया जिले के सुरेमनपुर तथा रेवती थाना क्षेत्र के थे.
बरामदगी के बाद ग्रामीणों ने कोर्ट से मुक्त करवा खंडित मूर्तियों को संदूक में सुरक्षित रख दिया था. ग्रामीणों ने बताया कि चार माह से मंदिर में कोई पुजारी नहीं था तथा गांव के लोग स्वयं सुबह-शाम पूजा-अर्चना करते थे. मूर्ति चोरी की घटना को लेकर कई तरह की अटकलें लगायी जा रही हैं. एक पुजारी मंदिर में एक माह तक पूजा कर ग्रामीणों को मंदिर की चाबी देकर चला गया था. महीनों बाद पुनः पुजारी एक दिन के लिए आया फिर वापस चला गया.