लखीसराय : बालिका विद्यापीठ ट्रस्ट के पूर्व मंत्री डॉ कुमार शरतचंद्र की हत्या मामले में आम्रपाली ग्रुप के सीएमडी का नाम आ रहा है. आम्रपाली ग्रुप के सीएमडी अनिल शर्मा पर हत्या का केस दर्ज कर लिया गया है. अपराधियों ने शनिवार की सुबह बालिका विद्यापीठ ट्रस्ट के पूर्व मंत्री डॉ कुमार शरतचंद्र की गोली मार कर हत्या कर दी.
घटना बालिका विद्यापीठ परिसर स्थित डॉ कुमार के आवासीय परिसर में घटी. इस घटना से आक्रोशित लोगों ने विद्यापीठ चौक के समीप शव को रख कर एनएच 80 जाम कर दिया. साढ़े तीन घंटे के बाद काफी मशक्कत से प्रशासन ने जाम हटाया. एसपी अशोक कुमार, एसडीपीओ संजय कुमार, एसडीओ अंजनी कुमार के आश्वासन के बाद जाम हटाया जा सका.
इस सिलसिले में पुलिस ने आरोपित ट्रस्ट के सचिव सह प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ प्रवीण कुमार को गिरफ्तार कर लिया, जबकि ट्रस्ट की वर्तमान प्राचार्या अनिता सिंह के आवास पर भी छापेमारी की गयी. मिली जानकारी के अनुसार, डॉ कुमार सुबह आवास पर कॉफी पी रहे थे, तभी दो बाइक सवार अपराधी उनके आवास में दाखिल हुए और उन्हें काफी करीब से गोली मार दी. घटना को अंजाम देने के बाद दोनों अपराधी फरार हो गये. घटना के बाद पुलिस पचना रोड स्थित आवास से डॉ प्रवीण कुमार सिन्हा को पूछताछ के लिए हिरासत में लेकर उन्हें हलसी थाना ले गयी है. एसडीपीओ संजय कुमार ने बताया कि आठ लोगों के खिलाफ बयान लिया गया. प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया जारी है. मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है.
* कल फिर मंत्री बनाया जाना था
डॉ कुमार शरदचंद्र के पिता स्व ब्रजनंदन शर्मा बालिका विद्यापीठ के संस्थापक सदस्य व आजीवन मानद मंत्री थे. निधन के बाद उनके पुत्र डॉ कुमार शरदचंद्र मंत्री बनाये गये. वर्ष 2009 में स्थानीय लोगों के द्वारा ट्रस्ट का निर्माण कर उन्हें मंत्री पद से हटा दिया गया था. इसके खिलाफ डॉ कुमार न्यायालय की शरण में गये, जहां से न्यायालय ने उन्हें मंत्री पद पर बनाये जाने का आदेश दिया. इसके बाद से ट्रस्ट के अन्य पदाधिकारियों के द्वारा मंत्री पद दिये जाने में आना-कानी की जाने लगी. इससे आहत डॉ कुमार ने पूर्व में कार्यालय में ताला भी जड़ा था.
बाद में 25 जुलाई, 2014 को ट्रस्ट के दोनों ग्रुपों की एक बैठक विद्यापीठ विकास मंच के तत्वावधान में आयोजित की गयी, जिसमें दोनों पक्षों में सुलह करा कर इन्हें मंत्री पद पर बहाल किये जाने का निर्णय लिया गया. चार अगस्त को ट्रस्ट के द्वारा डॉ कुमार को मंत्री पद दिया जाना था, लेकिन इसके दो दिन पूर्व ही उनकी हत्या कर दी गयी.