पटना: पटना जलापूर्ति योजना के तहत राजधानीवासियों को गंगा जल और शुद्ध भूमिगत पेयजल के लिए अभी और इंतजार करना होगा. बुडको प्रशासन ने योजना पूरी करने के लिए टेंडर के जरिये 2012 में गैमन इंडिया को कार्य आवंटित किया, लेकिन कंपनी ने संतोषजनक काम नहीं किया.
इस कारण गैमन इंडिया से कार्य वापस ले लिया गया है. योजना पर 534 करोड़ रुपये खर्च होनी थी. नुरूम योजना के तहत योजना की जिम्मेवारी बुडको को मिली थी.
हर वार्ड में जलमीनार की योजना
घर-घर गंगाजल और भूमिगत जल पहुंचाने के लिए हर वार्ड में जलमीनार की योजना थी. इसके लिए बुडको प्रशासन ने 17 स्थान चिह्न्ति किये थे. एक वर्ष पहले दीघा में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के लिए जमीन उपलब्ध करायी गयी, लेकिन ट्रीटमेंट प्लांट नहीं लगा. विभागीय स्तर पर जलापूर्ति योजना की समीक्षा हुई,तो कार्य में विलंब का मामला उजागर हुआ. निर्णय लिया गया कि एजेंसी से काम वापस लिया जाये. एजेंसी को हटाते हुए सिक्यूरिटी मनी के रूप में 60 करोड़ रुपये जब्त किये गये.
गैमन इंडिया ने कार्य में विलंब किया है. इसलिए कार्रवाई हुई है. परियोजना लागत भी बढ़ गयी है. फिर से टेंडर निकाला जायेगा. प्रोजेक्ट पर तीन सौ करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा. बुडको के निर्णय के बाद आगे की कार्रवाई होगी.
सम्राट चौधरी, मंत्री, नगर आवास विकास विभाग
अब कैसे पहुंचेगा आपके घरों तक पानी
तीन माह पहले नगर निगम बोर्ड की बैठक में बुडको एमडी और नगर आयुक्त कुलदीप नारायण ने घोषणा की थी कि गरमी में राजधानीवासियों को पीने के पानी की समस्या से जूझना नहीं पड़ेगा. जलमीनार नहीं बनने की स्थिति में भी मोटर पंप के जरिये सुबह-शाम गंगाजल पहुंचाया जायेगा. इसके लिए जलापूर्ति पाइप बिछाने का काम शुरू किया गया है और अगले एक वर्ष में पूरा कर लिया जायेगा. इस स्थिति में गंगाजल सप्लाइ भी शुरू किया जायेगा. अब चयनित एजेंसी से काम वापस लिया गया है, तो फिलहाल योजना लटक गयी है. अब योजना को पूरा करने के लिए फिर से टेंडर निकाला जायेगा. इस काम में छह से नौ माह लग सकता है.