पटना : कांग्रेस ने जदयू और राजद के साथ बिहार में अपने गठबंधन को ‘व्यापक राष्ट्रहित’ में बताते हुए आज कहा कि भाजपा के विरुद्ध इस तरह की शक्ति को देश के अन्य भागों में भी मजबूती प्रदान की जानी चाहिए.कांग्रेस के महासचिव सीपी जोशी ने लालू प्रसाद और नीतीश कुमार के दलों से अपनी पार्टी के गठबंधन की मजबूती के साथ वकालत करते हुए बताया कि यह गठबंधन अवसरवादी नहीं बल्कि ‘व्यापक राष्ट्रहित’ में है.
आगामी 21 अगस्त को बिहार विधानसभा की दस सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव को लेकर भागलपुर और नरकटियागंज विधानसभा क्षेत्र से जदयू-राजद-कांग्रेस के साझा प्रत्याशी और अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे जोशी भाजपा के इस गठबंधन को अवसरवादी होने का आरोप लगाए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि अगर यह अवसरवादी गठबंधन है तो लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान और नरेंद्र मोदी के हाथ मिलाने को क्या नाम आप देंगे. जोशी ने कहा कि पासवान ने अटल बिहारी वाजपेयी नीत केंद्र की पूर्व राजग सरकार से वर्ष 2002 के गुजरात दंगे को लेकर इस्तीफा दिया था और उसके लिए नरेंद्र मोदी पर प्रहार करने के लिए कोई मौका नहीं गंवाया. लेकिन उसी व्यक्ति से कैसे उन्होंने हाथ मिला लिया.
इन तीनों के बीच मजबूत एकता को प्रदर्शित करने का प्रयास करते हुए सीपी जोशी ने कहा कि वे जदयू के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के साथ आगामी 17 अगस्त को नरकटियागंज में मंच साझा करेंगे. उल्लेखनीय है कि बिहार विधानसभा की दस सीटों के लिए आगामी 21 अगस्त को होने वाले इस उपचुनाव में आपसी तालमेल के साथ जदयू और राजद ने चार-चार सीटों पर तथा कांग्रेस ने दो सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवार खडे किये हैं.
जोशी से यह पूछे जाने पर जदयू-राजद-कांग्रेस के बीच यह गठबंधन आगे अगले वर्ष होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में भी जारी रहेगा उन्होंने कहा कि स्वाभाविक है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर प्रहार करते हुए जोशी ने दावा किया कि उनकी ‘तानाशाही’ भाजपा के अंदर इतनी गहरी है कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री के पद के लिए उनके नाम का प्रस्ताव किया था. वह अपने स्थान :पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद: पर अपनी पसंद के व्यक्ति को नहीं बिठा सके.