नीतीश के राजनीतिक वजूद पर खतरा
पटना: लोकसभा चुनाव के पहले नीतीश कुमार ने जनता को यह कह कर बरगलाने की कोशिश की कि भाजपा को वोट देने से देश टूट जायेगा. लोगों ने दुष्प्रचार को खारिज कर दिया. अब गरीब परिवार से आये नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने को वह देश के लिए खतरा बता रहे हैं. सच तो यह […]
पटना: लोकसभा चुनाव के पहले नीतीश कुमार ने जनता को यह कह कर बरगलाने की कोशिश की कि भाजपा को वोट देने से देश टूट जायेगा. लोगों ने दुष्प्रचार को खारिज कर दिया. अब गरीब परिवार से आये नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने को वह देश के लिए खतरा बता रहे हैं.
सच तो यह है कि मोदी विरोध के कारण नीतीश कुमार की कुरसी चली गयी. अब खतरा उनके राजनीतिक वजूद पर मंडरा रहा है. उक्त बातें पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने फेसबुक पर कहीं.
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी से हाथ मिलाने पर नीतीश कुमार को देश टूटता नजर आता है, लेकिन बिहार को जातिवाद से तोड़ने और अपराधियों को संरक्षण दे कर कानून-व्यवस्था को चौपट करने वाले लालू प्रसाद की गोद में बैठने में उन्हें कोई हिचक नहीं होती. लाल किले से अपने ऐतिहासिक भाषण में प्रधानमंत्री ने हर घर में शौचालय और परिवार में दो बैंक खाते खोलने की बातें की. क्या इससे देश टूट जायेगा? उन्होंने ब्रांड इंडिया बनाने के लिए अपील की कि कोई भी उत्पाद भारत में बनाइए और दुनिया में कहीं भी बेचिए.नीतीश कुमार बताये कि क्या इससे देश खतरे में पड़ जायेगा? प्रधानमंत्री ने युवाओं को रोजगार देने के लिए स्कील डेवलपमेंट पर जोर दिया और मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की बात की.
क्या नीतीश कुमार बता सकते हैं कि इससे देश कैसे टूट जायेगा? नरेंद्र मोदी ने सरकारी कामकाज में तेजी और पारदशिर्ता लाने के लिए डिजिटल इंडिया बना कर मोबाइल गर्वनेंस की बात की. अब लाठी में तेल पिलाने वाले लालू प्रसाद को गले लगाने वाले नीतीश कुमार बताये कि क्या ऐसे काम से देश टूट जायेगा? प्रधानमंत्री ने गरीबों के लिए जन धन योजना शुरू करने की घोषणा की, जिससे हर गरीब को एक लाख रुपये की बीमा योजना का लाभ मिलेगा. उन्होंने हर स्कूल में लड़के-लड़कियों के लिए शौचालय बनाने और 2019 तक हर गांव-शहर को स्वच्छ करने का लक्ष्य रखा ताकि महात्मा गांधी की जयंती पर स्वच्छ भारत बना कर उन्हें सच्ची श्रद्धाजंलि दी जा सके. नीतीश-लालू बताये. क्या इन बातों से देश खतरे में पड़ जायेगा? हकीकत तो यह है कि मोदी सरकार के तीन माह के काम से ही दुनिया में भारत की छवि निखरी. अमेरिका-ब्रिटेन को झुकना पड़ा. पड़ोसी देशों से रिश्ते मजबूत हुए. अर्थव्यवस्था को अच्छे संदेश मिले व कोसी की तबाही का खतरा भी दूर हुआ.