नवहट्टा (सहरसा): केदली पंचायत पर कोसी की काली नजर इस कदर पड़ गयी है कि बारी-बारी से इस पंचायत के गांवों को नदी ने खंगालना शुरू कर दिया है. पिछले 15 दिनों से कटाव की चपेट में आये रामपुर व छतवन गांवों के सभी घर शनिवार तक कोसी के गर्भ में समा गये. लगभग 150 घरों में रहनेवाले 15 सौ लोगों का एक दूसरे से नाता छूट गया.
गांव के 150 परिवारों के घर का कटाव कर कोसी नदी ने इसे हमेशा के लिए विस्थापित कर दिया है. कभी यह 15 सौ से अधिक जनसंख्यावाले 150 परिवारों का गांव हुआ करता था. इस गांव में 50 महादलित, 60 यादव व 40 साह परिवार कई वर्षो से रह रहे थे. रामपुर गांव के विद्यानंद यादव ने बताया कि पिछले वर्ष भी नदी ने इस गांव का कटाव शुरू किया था, लेकिन नदी ने अपनी नजर तिरछी की. पिछले वर्ष तो यहां की आबादी बच गयी.
मगर, इस वर्ष एक अगस्त से नदी की धारा पुन: इस गांव की ओर हो गयी. 21 अगस्त तक नदी ने 150 परिवारवाली बस्ती को पूरी तरह उजाड़ दिया. मालूम हो कि केदली पंचायत पर कोसी की धारे ने पिछले वर्ष बगहा खाल तो आठ दिन पहले धोबियाही का अस्तित्व समाप्त किया था. आज रामपुर व छतवन का भी अस्तित्व समाप्त कर दिया. केदली की मुखिया जानकी कुमारी ने बताया कि इस वर्ष नदी ने चार सौ से अधिक घर का कटाव कर दिया है. मुखिया ने जिला प्रशासन से प्रत्येक कटाव पीड़ित को इंदिरा आवास देने की मांग की है.
युद्ध स्तर पर चलाएं राहत कार्य : मुख्यमंत्री
राजगीर: मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने जिले में बाढ़ से हुई तबाही का जायजा लेने के लिए रविवार को हवाई सर्वेक्षण किया. हवाई सर्वेक्षण के बाद इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में संबंधित अधिकारियों को बाढ़पीड़ितों को युद्ध स्तर पर राहत पहुंचाने का आदेश दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि नालंदा में बाढ़ से सर्वाधिक तबाही हुई है. लगभग आठ लाख लोग इससे प्रभावित हैं. गरीबों के मकान ढह गये और मवेशी बह गये हैं. बाढ़ के बाद अब महामारी की आशंका पैदा हो गयी है. इसके लिए आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं. बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों को तुरंत ठीक करने एवं पुल-पुलियों का सर्वे कर वस्तुस्थिति से अवगत कराने का निर्देश भी अधिकारियों को दिया.