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क्या बिहार से बाहर भी दिखेगा महागठबंधन का जादू ?

बिहार में 10 सीटों के लिए हुए उपचुनाव के नतीजे से जेडीयू-आरजेडी-कांग्रेस का महागठबंधन जश्न मना रहा है. उसने कहा है कि जनता ने उनके इस गठबंधन को स्वीकार किया है. इस जीत से लालू यादव, नीतीश कुमार व कांग्रेस ने अलग-अलग प्रतिक्रिया व्यक्त की है. लेकिन क्या यह महागठबंधन इस जीत को बिहार से […]

बिहार में 10 सीटों के लिए हुए उपचुनाव के नतीजे से जेडीयू-आरजेडी-कांग्रेस का महागठबंधन जश्न मना रहा है. उसने कहा है कि जनता ने उनके इस गठबंधन को स्वीकार किया है. इस जीत से लालू यादव, नीतीश कुमार व कांग्रेस ने अलग-अलग प्रतिक्रिया व्यक्त की है. लेकिन क्या यह महागठबंधन इस जीत को बिहार से बाहर भी कायम रख पाएगा ?, क्या तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश में भी यह गठबंधन अपना असर दिखा पाएगा ? क्या मुलायम और मायावती भाजपा को पराजित करने के लिए साथ आ पाएंगे? क्या ममता बनर्जी वाम दलों के साथ जाएगी ऐसे कई सवाल है.

जीत पर शरद यादव ने क्या कहा

बिहार में गठबंधन को मिली जीत पर जदयू नेता शरद यादव ने कहा कि जनता ने मोदी की लहर को नकार दिया है. यह महागंठबंधन आगे भी जारी रहेगा.

जीत पर क्या कहा नीतीश ने

नीतीश कुमार ने भाजपा सहित उसके घटक दलों की ओर इशारा करते हुए कहा कि इस उपचुनाव के नतीजों से एक बात स्पष्ट है कि जनता अब उन्माद की राजनीति के झांसे में आने वाली नहीं है. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव को संपन्न हुए कुछ ही समय बीतने के बाद हुए इस उपचुनाव के नतीजे यह साफ संकेत दे रहे हैं कि बिहार के लोग विभाजनकारी राजनीति को स्वीकार नहीं करेंगे. बिहार की जनता ने अपना रुझान स्पष्ट कर दिया है कि वे समरसता और समाज में सदभाव चाहते हैं.

नीतीश ने कहा कि इस उपचुनाव के जरिए बिहार की जनता ने स्पष्ट कर दिया है कि यहां जातीय बंधन और जातीय वोट बैंक नाम की कोई चीज नहीं है. लोग अपने विवेक से उचित निर्णय लेते हैं जिसे वे सलाम करते हैं.

जीत पर लालू ने क्या कहा

जीत पर लालू यादव ने कहा कि देशभर के मतदाताओं ने लोकसभा चुनाव में हुई भूल को सुधारा है. उन्होंने कहा कि गठबंधन पर जनता की मुहर लग गयी है. यह बिहार की बहुसंख्यक आबादी की जीत है.

भाजपा नेता सुशील मोदी ने क्या कहा

उपचुनाव के परिणाम पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि हमलोग लोकसभा चुनाव जीते और वे विधानसभा उपचुनाव, हिसाब एक-एक से बराबर. हमलोग अपनी खामियों पर गौर करेंगे व उसे सुधारेंगे और फाइनल राउंड जीतने में अपनी पूरी ताकत लगा देंगे.

इन सब के बीच महत्वपूर्ण सवाल यह है कि क्या बिहार का यह गठबंधन बिहार से बाहर भी इसका विस्तार कर पाएगा. क्या इस जीत के बाद मायावती मुलायम के उस प्रस्ताव पर पुनर्विचार करेगी जिसमें उसने बसपा-सपा के गठबंधन की बात कही थी. क्या कर्नाटक में जनता परिवार एक साथ इकट्ठा होकर कांग्रेस के साथ खड़ा होगा. क्या पश्चिम बंगाल में भी तृणमुल कांग्रेस वाम मोर्चे से गठबंधन कर सकती है. इन सब सवालों के लिए आने वाले चुनावों का इंतजार करना होगा.

हिन्दीभाषी क्षेत्रों में भाजपा का जनाधार बढ़ा है

इधर मोदी लहर के असर के कारण हिन्दीभाषी क्षेत्रों में भाजपा का जनाधार मजबूत हुआ है. राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ में भाजपा पर जनता का भरोसा बढ़ा है. ऐसे में इन क्षेत्रों में इस महागठबंधन का सेंध लगाना लगभग मुश्किल सा है.

इन तमाम समीकरणों के बाद यह केवल वेट एंड वाच वाली स्थिति है. बस देखते जाना है कि आज के उपचुनाव परिणाम के बाद लालू-नीतीश के चेहरे पर आई राजनीतिक खुशी आगे भी बरकरार रहती है या फिर यह इस महागठबंधन की पहली और आखिरी खुशी साबित होती है.

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