नहीं चली मोदी लहर,लालू-नीतीश गठबंधन को बढत

नयी दिल्ली: लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन के तीन महीने बाद भाजपा को विधानसभा उपचुनाव में झटका लगा जब बिहार में उसे राजद-जदयू-कांग्रेस गठबंधन के हाथों 4.6 से पराजय का सामना करना पडा और कर्नाटक एवं मध्यप्रदेश में अपने दो मजबूत गढ कांग्रेस के हाथों गंवाने पडे. पंजाब में मुकाबला बराबरी पर रहा जहां सत्तारुढ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 25, 2014 8:08 PM

नयी दिल्ली: लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन के तीन महीने बाद भाजपा को विधानसभा उपचुनाव में झटका लगा जब बिहार में उसे राजद-जदयू-कांग्रेस गठबंधन के हाथों 4.6 से पराजय का सामना करना पडा और कर्नाटक एवं मध्यप्रदेश में अपने दो मजबूत गढ कांग्रेस के हाथों गंवाने पडे.

पंजाब में मुकाबला बराबरी पर रहा जहां सत्तारुढ शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस को एक-एक सीट पर जीत हासिल हुई. 21 अगस्त को चार राज्यों में 18 सीटों पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के खाते में 10 सीटें गई जबकि भाजपा ने सात सीटें और उसके सहयोगी शिरोमणि अकाली दल ने एक सीट पर जीत हासिल की.

चार राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले लोकप्रियता के मापदंड के रुप में देखे जा रहे इन उपचुनावों में बिहार में भाजपा ने 10 में से 4 सीटों पर जीत दर्ज की जबकि 2010 के विधानसभा चुनाव में इनमें से छह सीटों पर भाजपा को जीत हासिल हुई थी. यह चुनाव परिणाम ऐसे समय में सामने आया है जब लोकसभा चुनाव में बिहार में भाजपा एवं सहयोगी दलों को 40 में से 31 सीटों पर जीत हासिल हुई थी.

जदयू, लालू प्रसाद के नेतृत्व वाली राजद और कांग्रेस के धर्मनिरपेक्ष गठबंधन ने बिहार में इस उपचुनाव में राजनगर (सुरक्षित), छपडा, मोहिउद्दीननगर (तीनों राजद) तथा जाले एवं परबत्ता (दोनों जदयू) और भागलपुर (कांग्रेस) सीटों पर जीत दर्ज की.कांग्रेस ने भाजपा से भागलपुर सीट छीन ली जबकि जदयू ने भाजपा की सहयोगी रामबिलास पासवान की पार्टी लोजपा को परबत्ता सीट पर पराजित किया. इस सीट पर 2010 में राजद ने जीत हासिल की थी.

उपचुनाव में जीत से उत्साहित जदयू नेता नीतीश कुमार ने कहा कि मतदाताओं ने नरेन्द्र मोदी सरकार के प्रति नाखुशी जाहिर की है, साथ ही कहा कि गठबंधन वाम दलों को जोडते हुए आधार बढायेगा ताकि भाजपा के साम्प्रदायिक एजेंडे पर लगाम लगायी जा सके.भाजपा ने हालांकि उपचुनाव परिणाम को मोदी सरकार के प्रदर्शन से जोडने को तत्काल खारिज कर दिया.

भाजपा प्रवक्ता सैय्यद शाहनवाज हुसैन ने पार्टी के खराब प्रदर्शन के बिहार के वर्तमान कारकों को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि राज्य के नेता सम्पूर्ण जिम्मेदारी स्वीकार करेंगे.भाजपा और जदयू का 2010 तक गठबंधन था और पिछले वर्ष दोनों अलग हुए थे. इस उपचुनाव में भाजपा नरकटियागंज, बांका, हाजीपुर और मोहनिया :सुरक्षित: सीट पर जीत हासिल करने में सफल रही.

उपचुनाव के परिणाम जदयू सरकार के लिए उत्साह बढाने वाले बन कर आये हैं जिसे पहले ही बिहार विधानसभा में बहुमत प्राप्त है.कर्नाटक में सत्तारुढ कांग्रेस को उस समय संबल मिला जब उसने दो सीटों पर जीत दर्ज की और भाजपा से प्रतिष्ठित बेल्लारी (ग्रामीण) सीट छीन ली. भाजपा को राज्य में एक सीट पर जीत हासिल हुई.

कर्नाटक में उपचुनाव में भाजपा को उस समय बडा झटका लगा जब कांग्रेस के एन वाई गोपालकृष्ण ने बेल्लारी ग्रामीण सीट पर भाजपा के ओबालेश को 33,104 मतों के अंतर से पराजित किया. इस सीट का प्रतिनिधित्व पूर्व में बी श्रीरामुलू ने किया था और लोकसभा सदस्य बनने के बाद इस सीट को खाली किया था.

भाजपा हालांकि शिकारीपुरा सीट पर कब्जा बनाये रखने में सफल रही जहां से पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा के पुत्र बी वाई राघवेन्द्र ने कांग्रेस के एच एस शांतावीरप्पा गौडा को 6430 मतों से पराजित किया.येदियुरप्पा ने 2013 में विधानसभा चुनाव में शिकारीपुरा सीट पर केजेपी के प्रत्याशी के तौर पर 24 हजार मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी. लोकसभा चुनाव में केजेपी का भाजपा में विलय हो गया.

कांग्रेस ने अपने गढ माने जाने वाले चिक्कोडी सादाग्ला सीट पर कब्जा बनाये रखा जहां से उसके उम्मीदवार गणोश प्रकाश हुक्केरी ने भाजपा के महंतेश कवातागीमठ को 31,820 मतों के अंतर से पराजित किया.उपचुनाव परिणाम मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के लिए उत्साह बढाने वाले बन कर सामने आये हैं जिनके काम करने के तरीके के बारे में पार्टी के भीतर सुगबुगाहट सामने आ रही थी.

2013 के विधानसभा चुनाव में पराजय के बाद भाजपा ने लोकसभा चुनाव में कर्नाटक में 28 में से 17 सीटों पर जीत हासिल की.पंजाब कभ् प्रतिष्ठित पटियाला (शहरी) सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह की पत्नी प्रणीत कौर ने जीत दर्ज की. सिंह ने लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद यह सीट खाली कर दी थी.

Next Article

Exit mobile version