पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने की मांग, दवा घोटाले की हो सीबीआइ जांच
पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा नेता सुशील मोदी ने 100 करोड़ से अधिक के दवा घोटाले की सीबीआइ जांच कराने की मांग की है. उन्होंने कहा कि यह घोटाला तब का है, जब नीतीश कुमार मुख्यमंत्री के साथ-साथ स्वास्थ्य मंत्री के भी प्रभार में थे. उन्होंने कहा कि सरकार दवा घोटाले में संलिप्त अधिकारियों को […]
पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा नेता सुशील मोदी ने 100 करोड़ से अधिक के दवा घोटाले की सीबीआइ जांच कराने की मांग की है. उन्होंने कहा कि यह घोटाला तब का है, जब नीतीश कुमार मुख्यमंत्री के साथ-साथ स्वास्थ्य मंत्री के भी प्रभार में थे. उन्होंने कहा कि सरकार दवा घोटाले में संलिप्त अधिकारियों को बचाने का प्रयास कर रही है.
एनएचआरएम के तहत केंद्र सरकार बिहार को दवा खरीद के लिए राशि देती है. पहले सर्जिकल इक्यूपमेंट और दवा खरीद का काम राज्य स्वास्थ्य समिति करती थी. बाद में इसकी खरीद के लिए बिहार मेडिकल सर्विसेज इन्फ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन लिमिटेड का गठन किया गया. 2013-14 से यही कॉरपोरेशन दवा की खरीद कर रही है.
ब्लैक लिस्टेड कंपनियों से खरीदी गयीं दवाएं : 2013-14 में राज्य स्वास्थ्य समिति के तय दर से 50-100 प्रतिशत अधिक कीमत पर दवा की खरीद कॉरपोरेशन ने कर ली. दवा भी सब स्टैंडर्ड की खरीदी गयी. 2013-14 में काली सूची में डाली गयी दवा कंपनियों से 80 प्रतिशत दवाएं खरीदी गयीं. यही नहीं, बिना जांच के ही अस्पतालों में दवा की आपूर्ति भी कर दी गयी. लैब जांच में इस बात का खुलासा होने के बाद न दवा कंपनी पर कार्रवाई हुई और न उसकी आपूर्ति रोकी गयी. सब स्टैंडर्ड दवा के इस्तेमाल से कई मरीजों की मौत भी हुई. विपक्ष के हंगामे के बाद 13 जनवरी, 2014 को मामले की जांच के लिए समिति बनी. सात माह के बाद भी समिति ने जांच प्रतिवेदन नहीं दिया. पुन: दवा घोटाले की जांच के लिए सरकार ने दो समितियों का गठन किया, लेकिन दोनों कमेटियों ने भी आज तक रिपोर्ट नहीं दी. मामले पर जदयू के निलंबित विधायक रवींद्र राय ने पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र भी लिखा था.
कोर्ट ने भी माना गंभीर : मोदी ने बताया कि दवा खरीद के लिए बनी कमेटी में पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पीएस संजय कुमार को रखा गया. दवा घोटाले को ले कर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की गयी है. कोर्ट ने भी मामले को गंभीर माना है. पीएमसीएच में दवा घोटाले की जांच विजिलेंस कर रहा है.
सरकार उसकी मॉनीटरिंग भी कर रही है, लेकिन मेडिकल सर्विसेज इन्फ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा ब्लैक लिस्टेड कंपनियों से दवा खरीद मामले की जांच कराने में सरकार पल्ला झाड़ रही है. उन्होंने सरकार से इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न न बनाने और पूरे मामले की जांच सीबीआइ से कराने की मांग की है. मौके पर भाजपा के प्रदेश महामंत्री सुधीर शर्मा और प्रवक्ता योगेंद्र पासवान भी मौजूद थे.