भ्रष्टाचार में डूबी है जदयू सरकार: सुशील मोदी

पटना: बिहार के मुजफ्फरपुर जिला के कटरा में गत शुक्रवार को 7 करोड की लागत से निर्माणाधीन पुल के उद्घाटन से पहले ही ढह जाने पर विपक्षी पार्टी भाजपा ने प्रदेश की जदयू सरकार पर निशाना साधते हुए उस पर उपर से नीचे तक भ्रष्टाचार में डूबे होने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 31, 2014 8:08 PM

पटना: बिहार के मुजफ्फरपुर जिला के कटरा में गत शुक्रवार को 7 करोड की लागत से निर्माणाधीन पुल के उद्घाटन से पहले ही ढह जाने पर विपक्षी पार्टी भाजपा ने प्रदेश की जदयू सरकार पर निशाना साधते हुए उस पर उपर से नीचे तक भ्रष्टाचार में डूबे होने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि इस सरकार के कार्यकाल के दौरान पुल ही नहीं, जनता का विश्वास भी टूट रहा है. भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने फेसबुक के जरिए आज कहा कि मुजफ्फरपुर के कटरा में शुक्रवार को 7 करोड की लागत से बना पुल उद्घाटन से पहले ही टूट गया.

उन्होंने बिहार राज्य पुल निर्माण निगम पर कटाक्ष करते हुए आरोप लगाया कि निगम ने 24 घंटे के भीतर ठेकेदार को क्लीन चिट दे दी और निर्माण में भ्रष्टाचार को छिपाने के लिये नदी को ही दोषी ठहरा दिया. सुशील ने दावा किया कि मुख्‍यमंत्री जीतन राम मांझी पूर्व में स्वीकार कर चुके हैं कि उन्होंने पांच हजार रुपये की रिश्वत देकर अपना बिजली बिल ठीक कराया था. सुशील ने आरोप लगाया कि राज्य में 100 करोड रुपये का दवा घोटाला सामने आया, लेकिन सरकार सीबीआई जांच से भाग रही है. स्वास्थ्य विभाग के एक निगम ने ब्लैक लिस्टेड कंपनियों से घटिया दवाएं खरीदी.

इनमें 31 से ज्यादा दवाएं ऐसी थी, जिन्हें 25 फीसद से 75 फीसद तक अधिक मूल्य पर खरीदा गया. सुशील कुमार मोदी ने कहा कि इस घोटाले के समय स्वास्थ्य विभाग तत्कालीन मुख्यमंत्र्री नीतीश कुमार संभाल रहे थे. दवा घोटाले में नीतीश कुमार के नजदीकी लोग लिप्त हैं, इसलिये सरकार उन्हें बचाने में लगी है. उन्होंने दावा किया कि बिहार में भाजपा के सरकार से हटते ही भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया है. भ्रष्ट्राचार विरोधी मुहिम ठप है. आय से अधिक के संपत्ति के मामलों में दोषी पाये गये लोगों की संपत्ति जब्त कर स्कूल खोलने का सिलसिला बंद है.

सुशील ने भ्रष्टाचार रोकने में मुख्‍यमंत्री जीतन राम मांझी के पूरी तरह विफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर कडा रुख अपनाया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनौती भरे लहजे में कहा कि न पैसा खाउंगा, न खाने दूंगा. उन्होंने विदेशों से कालाधन वापस लाने के लिये पहल की. अवकाश प्राप्त जज की अध्यक्षता में विशेष जांच दल के गठन को मंजूरी दी गयी. यह मोदी सरकार का पहला बडा फैसला था, जबकि यूपीए सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद एसआईटी का गठन नहीं करा सकी थी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त है, लेकिन बिहार में यूपीए के समर्थन से चलनेवाली जदयू सरकार भ्रष्टाचारियों के सहारे चल रही है.

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