शिक्षकों के विवाद में छात्रों का भविष्य हो रहा चौपट

पटना: आइजीआइएमएस के एनेस्थिसिया विभाग के शिक्षकों के आपसी विवाद के कारण एमसीआइ ने एनेस्थिसिया एमडी कोर्स में नामांकन लेने पर रोक लगा दी है. यह मामला संस्थान निदेशक तक पहुंचने पर इसकी जांच शुरू कर दी गयी है. सूत्रों के अनुसार आपसी विवाद की आशंका इसलिए होती है कि जिन बिंदुओं को लेकर एमसीआइ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 9, 2014 3:07 AM

पटना: आइजीआइएमएस के एनेस्थिसिया विभाग के शिक्षकों के आपसी विवाद के कारण एमसीआइ ने एनेस्थिसिया एमडी कोर्स में नामांकन लेने पर रोक लगा दी है.

यह मामला संस्थान निदेशक तक पहुंचने पर इसकी जांच शुरू कर दी गयी है. सूत्रों के अनुसार आपसी विवाद की आशंका इसलिए होती है कि जिन बिंदुओं को लेकर एमसीआइ ने नामांकन पर रोक लगायी है, उन्हीं कमियों को गिनाते हुए विभागीय शिक्षक ने एचओडी को पत्र लिखा है.

सबसे बड़ी बात कि उसी शिक्षक को एमसीआइ का निरीक्षण कराना था. इस प्रकरण के चार दिनों के बाद एमसीआइ ने विभाग का निरीक्षण किया और एक माह बाद उन्हीं बिंदुओं पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कोर्स को मान्यता देने से इनकार कर दिया. इससे छात्रों का भविष्य शिक्षकों के हाथों ही खराब होने के कगार पर आ गया है. इस बारे में तो कोई खुल कर नहीं बोल रहा है, लेकिन यह चर्चा आम है.

दोनों मामलों में एक-दूसरे से कोई तालमेल नहीं है. एमबीबीएस में भी एमसीआइ ने मान्यता देने से इनकार कर दिया था. इसी तरह से विभाग में भी कमियां थीं. हमने सिर्फ उन कमियों से एचओडी को अवगत कराया था.

डॉ अजीत गुप्ता, अपर प्राध्यापक, निश्चेतना

यह सही है कि एमसीआइ की आपत्ति और मेरे सहयोगी के पत्र में दरसायी गयी कमियों की सूची लगभग समान है. हमें निरीक्षण के चार दिन पूर्व एक पत्र दिया गया था, जिसकी कमियों को तुरंत दूर करना मुश्किल था.

डॉ अरुण कुमार, एचओडी एनेस्थिसिया विभाग

एमडी (एनेस्थिसिया) में तीन छात्रों का नामांकन किया गया था और कोर्स की मान्यता के लिए एमसीआइ टीम को बुलाया गया था. टीम की रिपोर्ट के आधार पर कोर्स को अनुमति नहीं दी गयी है, लेकिन कोई भी शिक्षक छात्रों का जीवन खराब करना नहीं चाहेगा. एमसीआइ को दोबारा निरीक्षण के लिए बुलाया जायेगा.

डॉ एसके शाही, संस्थान के एमएस

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