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भ्रष्ट अफसरों पर कार्रवाई तेज,इडी जब्त करेगा अवैध संपत्ति

पटना : प्रदेश में भ्रष्ट सरकारी कर्मियों के खिलाफ चल रही मुहिम में अब प्रवर्त्तन निदेशालय (इडी) भी जुटेगा. प्रवर्त्तन निदेशालय ने बिहार सरकार के उन सभी विभागों और जांच एजेंसियों से ऐसे लोक सेवकों की सूची मांगी है, जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले चल रहे हैं. पिछले दो वर्षों में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, आर्थिक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 10, 2014 10:34 AM

पटना : प्रदेश में भ्रष्ट सरकारी कर्मियों के खिलाफ चल रही मुहिम में अब प्रवर्त्तन निदेशालय (इडी) भी जुटेगा. प्रवर्त्तन निदेशालय ने बिहार सरकार के उन सभी विभागों और जांच एजेंसियों से ऐसे लोक सेवकों की सूची मांगी है, जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले चल रहे हैं.

पिछले दो वर्षों में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, आर्थिक अपराध इकाई और एसयूवी ने 145 लोक सेवकों के खिलाफ कार्रवाई की है. इडी ने लोक सेवकों की सूची के साथ उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की प्रति और आय से अधिक संपत्ति के मामले का ब्योरा भी मांगा है. इसका मकसद भ्रष्ट लोक सेवकों के द्वारा देश के विभिन्न राज्यों में भूमि, फ्लैट व अन्य वित्तीय संस्थाओं में निवेश किये गये काले धन का पता लगा कर उसे जब्त करने की कार्रवाई करना है.

अमूमन भ्रष्ट लोक सेवकों के खिलाफ केवल बरखास्तगी की कार्रवाई होती रही है. भ्रष्टाचार से अर्जित संपत्ति को जब्त कर उसे सरकारी खजाने में जमा करने का कानून राज्य सरकार ने बना रखा है. लेकिन, इडी इस मुहिम को तेज करना चाहता है. इडी का सोच है कि ऐसे भ्रष्ट लोक सेवकों को आर्थिक मोरचे पर इतना कमजोर कर दिया जाये कि यह दूसरों के लिए नजीर बने.
इडी के सूत्र बताते हैं कि राज्य के करीब डेढ़ दर्जन भ्रष्ट लोक सेवकों की काली कमाई की जांच का काम शुरू कर दिया गया है. इनमें आधे तो राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं. सूत्रों ने यह भी बताया कि इडी को ऐसे मामलों में कार्रवाई करने की शक्ति पहले से प्राप्त है लेकिन वह इस काम में राज्य सरकार की एजेंसियों की मदद लेना चाहता है.
* बिहार में तीन एजेंसियां कर रही कार्रवाई
बिहार में भ्रष्ट लोक सेवकों के खिलाफ निगरानी अन्वेषण ब्यूरो और विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) के अलावा राज्य पुलिस मुख्यालय के अधीन आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) भी कार्रवाई करता है. इसके अलावा थाना स्तर पर भी कार्रवाई की जाती है.
सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति की घोषणा पहले ही कर दी है.
भ्रष्टाचार में लिप्त लोक सेवक व अपराध के रास्ते अकूत संपत्ति अर्जित करने वालों की काली कमाई जब्त करने के लिए इडी का सहयोग लिया जा रहा है. इओयू ने तीन वर्षों में न केवल शातिर अपराधी, बल्कि भ्रष्ट लोक सेवकों पर भी कार्रवाई की है. आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामलों में भी इडी समेत केंद्र की कई अन्य एजेंसियों के साथ काम कर रहे हैं. यही कारण है कि बिहार में पिछले कुछ वर्षों में कई भ्रष्ट लोक सेवकों व कई गैंगस्टरों की भी संपत्ति जब्त की जा चुकी है.
गुप्तेश्वर पांडेय, एडीजी (मुख्यालय)
– इनकी संपत्ति हो चुकी है जब्त
नारायण मिश्रा, पूर्व डीजीपी
एसएस वर्मा, लघु जल संसाधन विभाग के पूर्व सचिव
डीएन चौधरी, राजभाषा विभाग के पूर्व निदेशक
गिरीश कुमार, सहायक, पटना कोषागार
रघुवंश कुंवर, पूर्व एमवीआइ, औरंगाबाद
श्याम नारायण सिंह, पूर्व खनन निरीक्षक, गया
भोला प्रसाद, पूर्व डीएफओ
अनिल कुमार, पूर्व सहायक आयुक्त, वाणिज्य कर विभाग

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