पटना : बिहार अपने 53,000 होमगार्ड वाले मजबूत संगठन को एक असरदार बल में बदलने की योजना बना रहा है जो पूरे देश में संकट की स्थिति में मदद में हाथ बंटा सके. पुलिस बल के लिए सहायक बल की भूमिका निभा रहे होमगार्ड लाठी और राइफल से लैस होते हैं जो 300 रुपये के दिहाडी पगार पर काम करते हैं.
यह बल मुगल और ब्रिटिश चौकीदारी सिस्टम से विकसित हुआ है और 1946 में पूर्व बंबई राज्य में एक अलग बल के तौर पर गठित हुआ. अब राज्य सरकार इन बलों को एक जुझारु और कठिन कार्य से सामाना करने वाले बल के तौर पर बदलना चाहती है जिसे न सिर्फ राज्य में बल्कि जरूरत पडने पर देश भर में तैनात करने के लिए सक्षम बनाया जाए.
बिहार होमगार्ड के महानिदेशक अभयानंद ने कहा कि इस संबंध में विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया गया है और राज्य सरकार की अनुमति मिलने के बाद कर्मियों का प्रशिक्षण जल्द ही शुरु होगा. उन्होंने कहा, हमारा इरादा राज्य भर में इस बल की क्षमता, कौशल, स्वीकार्यता और प्रासंगिकता को विस्तार देना है.
यह कुछ ऐसा है कि लोग और अधिकारी मदद के लिए देखेंगे. अभयानंद ने कहा कि सरकार बाढ, सूखा, महामारी और अग्नि त्रसदी जैसी संकट की स्थिति में बल को इस्तेमाल के लिए तैयार करना चाहती है.