पटना, मुजफ्फरपुर समेत बिहार के नौ जिलों में 2025 तक बनेंगे 15 आरओबी, हाईवे पर जाम से मिलेगी मुक्ति
राज्य में इन सभी आरओबी के निर्माण का मकसद आसपास के एसएच को जाम से मुक्ति दिलाने का है. फिलहाल केंद्र से छह आरओबी बनाने की मंजूरी मिल चुकी है. साथ ही नौ आरओबी बनाने के लिए केंद्र से मंजूरी मिलने का इंतजार है.
पटना. बिहार के नौ जिलों में 15 आरओबी का 2025 तक निर्माण करने का लक्ष्य है. इस पर करीब 1175.79 करोड़ रुपये की लागत आने की संभावना है. इसमें से राज्य सरकार करीब 669.29 करोड़ रुपये खर्च करेगी. तो वहीं खर्च की बाकी राशि का निर्वहन केंद्र सरकार करेगी. जिन जिलों में आरओबी का निर्माण होना है उनमें भागलपुर, पटना, नालंदा, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, सारण, दरभंगा, समस्तीपुर और मुजफ्फरपुर जिले शामिल हैं.
एसएच को जाम से मुक्ति दिलाने का है मकसद
राज्य में इन सभी आरओबी के निर्माण का मकसद आसपास के एसएच को जाम से मुक्ति दिलाने का है. फिलहाल केंद्र से छह आरओबी बनाने की मंजूरी मिल चुकी है. साथ ही नौ आरओबी बनाने के लिए केंद्र से मंजूरी मिलने का इंतजार है.
इन जगहों पर बनेगा आरओबी
सूत्रों के अनुसार स्वीकृत आरओबी में भागलपुर में मिरजानहाट, पटना जिले में बख्तियारपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के नजदीक आरओबी का निर्माण होगा. साथ ही नालंदा जिले में हरनौत रेल फैक्टरी, पूर्वी चंपारण जिले में जीवधारा और बापूधाम रेलवे स्टेशन के बीच, सारण जिला में खैरा-पटेढ़ी रेलवे स्टेशन के बीच और दरभंगा जिला में लहेरियासराय में आरओबी का निर्माण होना है.
इन नौ आरओबी को केंद्र की मंजूरी का इंतजार
जिन नौ आरओबी को केंद्र से मंजूरी का इंतजार है उनमें से चार आरओबी का निर्माण दरभंगा जिले में होना है. इसमें लहेरियासराय- दरभंगा, दरभंगा से मुहम्मदपुर में दो आरओबी और थलवारा से लहेरियासराय में एक आरओबी बनेगा. वहीं, समस्तीपुर जिले में दलसिंहसराय से नासिरगंज, पूर्वी चंपारण जिले में मोतिहारी कोर्ट से बापूधाम, मुजफ्फरपुर जिले में कपरपुरा से कांटी और मोतीपुर से महवल स्टेशन शामिल हैं. इसके अलावा पश्चिम चंपारण जिले में सुगौली से मंझौलिया और मंझौलिया से बेतिया स्टेशन के बीच आरओबी बनेंगे.