पटना. बिहार के दो शहरों में अब 15 साल पुरानी व्यवसायिक गाड़ी नहीं चलेंगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षतावाली राज्य कैबिनेट ने मंगलवार को प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है. कैबिनेट से प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद अब गया और मुजफ्फरपुर नगर निगम क्षेत्र में 15 साल से अधिक पुरानी कॉमर्शियल गाड़ियों के परिचालन पर प्रतिबंध लगाने का रास्ता साफ हो गया है. परिवहन विभाग के प्रस्ताव पर आज कैबिनेट ने मुहर लगा दी. वैसे यह कानून एक अक्टूबर से प्रभावी होगा.
परिवहन विभाग के प्रस्ताव के अनुसार बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है. 1 अक्टूबर 2023 से इन दोनों नगर निगम क्षेत्र में पंद्रह साल पुरानी व्यवसायिक गाड़ियां भी नहीं चलेंगी. इसके साथ ही गया और मुजफ्फरपुर नगर निगम क्षेत्र में सभी प्रकार के डीजल चालित तिपहिया वाहनों के परिचालन पर 30 सितंबर 2023 से प्रतिबंध लगा दिया गया है. यानि इन दो शहरों में 30 सितंबर से डीजल चालित टेंपों भी नहीं चलेंगे. बिहार सरकार ने स्वच्छ इंधन योजना 2019 का 31मार्च 2024 तक अवधि विस्तार कर दिया है. इसके साथ ही इसका क्षेत्र अब पटना के साथ-साथ गया और मुजफ्फरपुर भी होगा. तिपहिया मालवाहक वाहनों के लिए अनुदान का प्रावधान किया गया है.
वायु प्रदूषण के मामले में पटना समेत बिहार के अन्य शहर देश में टॉप पर रहते हैं. आईआईटी कानपुर के वायु प्रदूषण विशेषज्ञों की टीम ने पिछले दिनों कई शहरों से सैंपल संग्रह किया है. विशेषज्ञों द्वारा हैवी ट्रैफिक का कितना योगदान है, इसकी जांच की गयी है. पटना के बाद मुजफ्फरपुर, गया और हाजीपुर से सैंपल लिया गया है. उधर, वायु प्रदूषण की पड़ताल करने के लिए राज्य के सभी जिलों में 650 लो कॉस्ट एयर क्वालिटी लेवल मॉनिटरिंग मशीन लग रही है. पटना सहित प्रदेश के सभी जिलों में प्रदूषण की वजह तलाशी जाएगी. पटना के गांधी मैदान से इसकी शुरुआत की गयी है.