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बिहार में 150 करोड़ तक पहुंचा स्टार्टअप का कारोबार, जानिये 115 स्टार्टअप से दो हजार से अधिक को मिला रोजगार

राज्य में फिलहाल लगभग 115 स्टार्टअप का कारोबार चल रहा है. इनमें से कई स्टार्टअप राष्ट्रीय स्तर पर अपना परचम लहरा रहे हैं. इनका लगभग 150 करोड़ रुपये का कारोबार है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 11, 2021 7:51 AM

सुबोध कुमार नंदन, पटना. राज्य में फिलहाल लगभग 115 स्टार्टअप का कारोबार चल रहा है. इनमें से कई स्टार्टअप राष्ट्रीय स्तर पर अपना परचम लहरा रहे हैं. इनका लगभग 150 करोड़ रुपये का कारोबार है. इसके जरिये दो हजार से अधिक युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला है.

मिली जानकारी के अनुसार बिहार में 2016 में स्टार्टअप की शुरुआत हुई थी. पहला इंक्यूबेशन वेंचर पार्क बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने खोला. इसके बाद राज्य सरकार 2017 में बिहार स्टार्टअप पॉलिसी लेकर आयी. इसके बाद सरकार ने 10 लाख रुपये तक ब्याजरहित अनुदान की व्यवस्था शुरू की.

कई शैक्षणिक संस्थान आगे आये

इसके बाद स्टार्टअप को मार्ग दर्शन देने के लिए कई संस्थान आगे आये. इनमें आइआइटी, बिहार उद्योग संघ, सीआइएमपी, निफ्ट, एनआइटी और बीआइटी जैसे शैक्षणिक संस्थान शामिल हैं.

1476 निबंधित स्टार्टअप

जानकारी के अनुसार राज्य में अब तक 1476 निबंधित स्टार्टअप हैं, जबकि सरकार के पास 1800 से अधिक आवेदन आये हैं. शेष स्टार्टअप स्टार्टअप के नीति के अनुसार उपयोगी नहीं पाये गये. जानकारों की मानें तो निबंधित स्टार्टअप में से 60 फीसदी युवा पटना जिले के आसपास के हैं. बाकी अन्य जिलाें के हैं. वहीं, 30 फीसदी स्टार्टअप किन्हीं कारणों से वापस हो गये.

ये स्टार्टअप कर रहे हैं अच्छा काम

वाहन के क्षेत्र में आर्या गो कैब, आनंद सागर (दुग्ध), सत्तूज, ऑनलाइन केक भेजो डॉटकम, एग्री टेक स्टार्टअप बिहार मॉडल, एग्री फिडर, रिवाइवल, ड्रेसिंग एक्सप्रेस, टाइमेटिक, एग्री धन, इकोवेंचर, ग्रीन सेल्टर, तृप्तम, नेचुरल एग्रो फार्म, डे बेस्ट, टेक प्रोलैब आदि अच्छा काम कर रहे हैं.

स्टार्टअप विशेषज्ञ अभिषेक कुमार के अनुसार हाल के दिनों में कई स्टार्टअप को बाहरी निवेश भी प्राप्त हुआ है. लेकिन, कुछ ऐसी समस्याएं हैं, जिनके कारण स्टार्टअप आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं. इसकी मुख्य वजह दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु जैसे स्टार्टअप की तुलना में सही मार्गदर्शन का अभाव है. साथ ही सरकार द्वारा स्टार्टअप से जुड़े कार्यक्रमों का संचालन न होना भी बड़ा कारण है.

बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के वेंचर पार्क के प्रमुख संजय गोयनका ने बताया कि अब तक लगभग 100 स्टार्टअप के आवेदन आ चुके हैं, जिनमें 57 सक्रिय उद्यमियों को बीआइए ने राज्य सरकार से राशि प्राप्त करने की अनुशंसा की है. उन्होंने बताया कि बिहार के लगभग हर क्षेत्र के उद्यमी को वेंचरपार्क और राष्ट्रीय स्तर पर विकास करने के लिए प्रोत्साहित किया.

Posted by Ashish Jha

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