गया का पुरा गांव बनेगा आदर्श ग्राम : मुख्यमंत्री

पटना. मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को लंदन से पटना लौटते ही स्टेट हैंगर पर इस मामले को लेकर डीजीपी पीके ठाकुर और गृह सचिव के साथ बातचीत की और अब तक की गयी कार्रवाई की जानकारी ली. इसके बाद उन्होंने घोषणा की कि पुरा गांव को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित किया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 27, 2014 4:13 AM

पटना. मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को लंदन से पटना लौटते ही स्टेट हैंगर पर इस मामले को लेकर डीजीपी पीके ठाकुर और गृह सचिव के साथ बातचीत की और अब तक की गयी कार्रवाई की जानकारी ली. इसके बाद उन्होंने घोषणा की कि पुरा गांव को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित किया जायेगा. वहां बिजली, सड़क, पीसीसी रोड, इंदिरा आवास, स्कूल की व्यवस्था के साथ-साथ स्थायी पुलिस थाना खोला जायेगा. मुख्यमंत्री ने आरोपितों के खिलाफ एक सप्ताह में चाजर्शीट दाखिल करने का निर्देश दिया है.

पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि पुरा गांव से महादलित परिवारों के पलायन करने की सूचना मिली है. यह पूरा मामला पैक्स चुनाव से जुड़ा हुआ है.

अर्जुनमांझी, जिसकी हत्या हुई है, उसका भाई पैक्स चुनाव में प्रत्याशी है. जैसी जानकारी मिली है, उसके मुताबिक कुछ लोगों ने अजरुन मांझी से अपने भाई को चुनाव नहीं लड़वाने के लिए कहा. लेकिन, उसने अपने भाई को समझाने से इनकार कर दिया.

इस पर उसके साथ मारपीट की गयी, जिससे उसकी मौत हो गयी. मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी आरोपितों पर एक सप्ताह में चाजर्शीट दाखिल करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया गया है. इसके बाद पीड़ित परिवार को साढ़े सात लाख रुपये मुआवजा मिल सकेगा. साथ ही गांव में तुरंत पुलिस थाना खोलने का निर्देश दिया गया है. इससे अनुसूचित जाति के खिलाफ बोलने व अत्याचार करनेवालों पर कार्रवाई होगी. इसका मैसेज जायेगा.

मुख्यमंत्री ने पुरा गांव के महादलितों से पलायन नहीं करने की अपील की. कहा, वहां के सभी वोटर गोलबंद हों और अजरुन मांझी के भाई को जिताने में मदद करें. इस जीत से जहां अनुसूचित जाति के लोगों का मनोबल बढ़ेगा, वहीं हत्या करनेवाले लोगों का मनोबल टूटेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ राजनीतिक दलों के लोग सस्ती राजनीति के लिए ऐसा कर रहे हैं. पलायन नहीं होना चाहिए. मैं इसके खिलाफ हूं. हमारे (महादलित) पिछड़ेपन का यही कारण है. जब किसी के दबाव में या फिर भय से पलायन कर जाते हैं, जिससे वोटर लिस्ट, सेंसस (जनगणना) में नाम नहीं होता है. लोगों को डरना नहीं चाहिए और वे जहां रह रहे हैं, वहीं रहना चाहिए.

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