पटना: जदयू विधायक अनंत सिंह ने पटना सेंट्रल मॉल को लेकर पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के दिये बयान पर हमला बोला है. उन्होंने श्री मोदी के बयान को पूरी तरह भ्रामक व मनगढ़ंत कहते हुए उनको आंख का इलाज कराने की सलाह दी है.
उन्होंने कहा कि इस मॉल का निर्माण समय सीमा के अंदर पटना नगर निगम द्वारा पास किये गये नक्शे के अनुसार पूरा कर लिया गया और उसी समय पटना सेंट्रल को किराया पर दे दिया गया. नगर निगम ने छह जुलाई को भवन के छठे व तथाकथित सातवें तल्ले को तोड़ने का आदेश दिया. सुशील मोदी को तल्ला का भी ज्ञान नहीं है. यह भवन सिर्फ छह तल्ले का है, जिसे कभी भी देखा जा सकता है. छठे तल्ले पर मेज नाइन फ्लोर भी नक्शे में पास किया गया है, जिसे वे कानूनी व तकनीकी ज्ञान के अभाव में सातवां तल्ला बताते हैं.
पांच तल्ले के विरुद्ध कोई आदेश नहीं : नगर निगम द्वारा दिये गये आदेश में कहीं भी पांच तल्ले के विरुद्ध किसी भी प्रकार का कोई आदेश पारित नहीं किया गया है. छठे और तथाकथित सातवें तल्ले के विरुद्ध पारित आदेश की अपील ट्रिब्यूनल में की गयी है, जिसमें एक अगस्त को यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया गया है. इस आदेश के अनुपालन में आज भी यथास्थिति बनी हुई है. जदयू विधायक ने कहा कि जहां तक अनुमति प्रमाणपत्र की जरूरत है, तो इस संदर्भ में अनमोल होम्स के केस में हाइकोर्ट द्वारा स्पष्ट कर दिया गया है कि नक्शे के अनुसार बनाये गये भवन के इस्तेमाल के लिए अनुमति प्रमाणपत्र लेने की आवश्यकता नहीं है.
प्रतिष्ठा का हनन हुआ है
विधायक ने कहा कि सुशील मोदी ने जो बयान दिया है, उससे उनकी प्रतिष्ठा का हनन हुआ है और वे उन पर मानहानि का केस करेंगे. उन्हें तथ्यहीन आरोप लगाने के पहले मॉल का पूरा कागजात को देख लेना चाहिए. दरअसल इस पूरे मामले के पीछे सुशील मोदी द्वारा एक जाति विशेष के लोगों को बदनाम करने व बिहार की छवि से खिलवाड़ करने की मंशा है. पटना सेंट्रल मॉल न केवल पटना, बल्कि पूरे बिहार के लिए गौरव की बात है. इसमें फ्यूचर ग्रुप जैसे भारत के नामी औद्योगिक घराने ने निवेश किया है. बिहार तेजी से प्रगति के पथ पर अग्रसर है और बड़े-बड़े निवेशक बिहार आ रहे हैं.