पटना: मारुति मेडिटेड के मालिक व राजधानी के बड़े बिल्डर आलोक सुलतानियां को 6 सितंबर से एमसीसी के नाम पर लगातार 5 लाख की रंगदारी मांगी जा रही थी. राजीव नगर में उनके निर्माणाधीन साइट पर इसके लिए धमकी भरा पत्र गिराया गया था. पैसा नहीं देने पर जान से मारने की धमकी मिल रही थी. दहशत में आये बिल्डर ने इसकी शिकायत एसएसपी मनु महाराज से की थी. पुलिस के अनुसंधान में बिल्डर का केयर टेकर ही साजिशकर्ता पाया गया. पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कर मामले का परदाफाश किया है.
बिल्डर को उनके केयर टेकर छह सितंबर को दी थी जानकारी : सुजीत कुमार सिन्हा ने 6 सितंबर को जानकारी दी थी कि राजीव नगर साइट पर एक धमकी भरा पत्र मिला है.
पत्र में पांच लाख रुपये की रंगदारी मांगी गयी है. नीचे एमसीसी लिखा हुआ है. रंगदारी नहीं देने पर बिल्डर और केयर टेकर की हत्या की जाने की बात लिखी गयी थी. पत्र को लेकर बिल्डर दहशत में आ गये. उन्होंने इसकी सूचना एसएसपी को दी. पत्रकार वार्ता में एसएसपी मुन महाराज ने बताया कि बिल्डर के आवेदन पर राजीव नगर थाने में एफआइआर दर्ज करायी गयी और मामले की पड़ताल के लिए विशेष टीम को लगाया गया. इस बीच निर्माणाधीन साइट पर तीन और पत्र गिराये गये और धमकी दी गयी.
बिल्डर के पास अलग-अलग नंबर से फोन आने लगा. खास बात यह रही कि फोन मोबाइल से नहीं, बल्कि एसटीडी बूथ से आता था. अनुसंधान के क्रम में पुलिस की विशेष टीम को उनके केयर टेकर सुजीत कुमार सिन्हा की भूमिका संदिग्ध मिली. उससे अक्सर राजीव चौधरी नाम का व्यक्ति मिलने आता था. पुलिस टीम को भनक लगी कि राजीव चौधरी पहले आलोक सुलतानिया के साइट पर काम करता था. शक के आधार पर पुलिस टीम ने सुजीत से मिलने साइट पर आये राजीव को पकड़ लिया. पुलिस ने धमकी भरे पत्र के हैंड राइटिंग का मिलान और राजीव चौधरी के हैंड राइटिंग का मिलान किया तो सेम मिला. इस पर कड़ाई से पूछताछ की गयी तो राजीव ने बताया कि सुजीत ने ही बिल्डर से रंगदारी मांगने का प्लान बताया था. उसकी के कहने पर वह एसटीडी बूथ से फोन करता था. पुलिस ने उनके पास से एक पिस्टल, दो कारतूस बरामद किया है. राजीव चौधरी डुमरीघाट, थाना बेलदौर, जिला खगड़िया का रहने वाला है जबकि सुजीत मूल रूप से हाजीपुर का रहनेवाला है. पुलिस ने दोनों को जेल भेज दिया है.