पटना: गांधी मैदान हादसे के 24 गुनाहगारों की भनक पुलिस को मिल चुकी है. ये वे संदिग्ध लोग हैं, जिन्होंने रावणवध कार्यक्रम के बाद गांधी मैदान में भगदड़ मचाने की पृष्ठभूमि तैयार की थी और अफवाह फैलायी थी कि आगे बिजली का तार गिर गया है.
इस अफवाह के कारण मची भगदड़ में कुल 33 लोगों की जान चली गयी और करीब तीन दर्जन लोग बुरी तरह घायल हो गये. इन संदिग्धों में तीन की पहचान कर ली गयी है. हादसे की जांच से जुड़े सूत्रों ने बताया कि गांधी मैदान के सीसीटीवी फुटेज की जांच में कई संदिग्धों को देखा जा रहा है. इस सीसीटीवी फुटेज में पुलिस को कुल दो दर्जन संदिग्धों की भूमिका दिखायी दे रही है.
नौ करोड़ खर्च,पर नहीं बदली गांधी मैदान की सूरत
इनमें तीन संदिग्धों की पहचान की बात भी कही जा रही है. हालांकि, पुलिस ने इन तीन संदिग्धों के बारे में अभी कुछ भी बताने से इनकार कर दिया है और कहा कि अभी जांच चल रही है और उनके बारे में पुख्ता सबूत मिलते ही उन्हें गिरफ्तार किया जायेगा. सीसीटीवी के फुटेज में गांधी मैदान के अंदर दक्षिणी गेट के पास कुछ लोगों को धक्का-मुक्की करते और महिलाओं के पीछे संदिग्ध अवस्था में देखा जा रहा है. इनमें कई कम उम्र लड़के भी शामिल हैं. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन संदिग्धों की पहचान घटना में घायल हुए लोगों और मारे गये लोगों के परिजनों से करायी जायेगी, जो घटना के समय मौके पर मौजूद थे.
गांधी मैदान हादसा:कौन है जिम्मेवार?
इस बीच, फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की टीम ने भी सीसीटीवी में आयी कुछ धुंधली तसवीरों को स्पष्ट करने में जुट चुकी है, ताकि संदिग्धों की पहचान की जा सके. हालांकि, सूत्रों का यह भी कहना है कि गांधी मैदान में हादसे के समय पर्याप्त रोशनी नहीं होने के कारण सीसीटीवी के फुटेज स्पष्ट नहीं हैं. उन्हें तकनीकी रूप से स्पष्ट करने की कोशिश की जा रही है.