चार साल में 1.31 करोड़ के नकली नोट किये गये जब्त

पटना: राज्य में नकली नोटों का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है. त्योहार या मेलों में इसका चलन काफी बढ़ जाता है. हालांकि विगत चार साल की तुलना करें, तो ऐसे मामलों में थोड़ी कमी आयी है. 2010 में नकली या जाली नोट के राज्य में 62 मामले सामने आये थे, जबकि इस वर्ष अब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 13, 2014 1:48 AM
पटना: राज्य में नकली नोटों का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है. त्योहार या मेलों में इसका चलन काफी बढ़ जाता है. हालांकि विगत चार साल की तुलना करें, तो ऐसे मामलों में थोड़ी कमी आयी है. 2010 में नकली या जाली नोट के राज्य में 62 मामले सामने आये थे, जबकि इस वर्ष अब तक सिर्फ नौ मामले ही सामने आये हैं. त्योहारों के मौसम में ऐसे मामलों में करीब 30 फीसदी की वृद्धि हो जाती है.चार साल में राज्य में करीब एक करोड़ 30 लाख 64 हजार रुपये के नकली नोट बरामद हो चुके हैं. राज्य में नकली नोट के कारोबार पर शिकंजा कसने के लिए पहली बार एक खास व्यवस्था की गयी है.
इसके तहत सभी जिलों में ऐसे मामलों को देखने के लिए डीएसपी को खासतौर से नोडल पदाधिकारी बनाया गया है. राज्य के सीमावर्ती जिलों कटिहार, किशनगंज, अररिया, सुपौल, मधुबनी, दरभंगा व पूर्णिया समेत अन्य जिलों में नकली नोट के कई मामले सामने आये हैं.
आइजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि सूचना इओडब्ल्यू के फोन नंबर 0612-2215522 पर दी जा सकती है. लोगों को जागरूक करने के लिए भी कई कार्यक्रम चलेंगे. उन्होंने बताया कि जिलों में डीएसपी को नोडल पदाधिकारी बनाने से बैंक समेत अन्य वित्तीय संस्थान के पदाधिकारी जाली नोटों की प्राथमिकी कराने और ऐसे मामले की जानकारी देने के लिए संबंधित डीएसपी से संपर्क कर सकते हैं. डीएसपी सभी वित्तीय संस्थानों से समन्वय स्थापित करेंगे. अगर किसी जिला मुख्यालय में दो डीएसपी हैं, तो डीएसपी-1 नोडल पदाधिकारी होंगे.
डीएसपी की होगी खास ट्रेनिंग
जाली नोट की जांच-परख और इससे संबंधित ठोस कार्रवाई के लिए आर्थिक अपराध इकाई (इओडब्ल्यू) आरबीआइ के साथ मिल कर एक खास कार्यक्रम चलायेगा. इसके अलावा सूचना, निगरानी,अनुसंधान और जागरूकता पर वृहत कार्ययोजना तैयार की गयी है. इओडब्ल्यू ने ऐसी घटनाओं पर खासतौर से नजर रखने को कहा है.

Next Article

Exit mobile version