पटना: मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से ब्रिटेन के आप्रवासी भारतीय उद्यमियों का शिष्टमंडल टोनी दीप वोहरा व विकास दंगत के नेतृत्व में मिला और बिहार में उद्योग लगाने की इच्छा प्रकट की. बिहार में औद्योगिक प्रक्षेत्र की संभावनाओं पर विस्तार से विचार-विमर्श किया.
मुख्यमंत्री ने शिष्टमंडल का स्वागत करते हुए कहा कि आप सब का बिहार में स्वागत है. यहां पूंजी निवेश के लिए बेहतर वातावरण है. उद्योग के लिए सारी आधारभूत संरचनाएं सुलभ हैं.
यहां के अधिकारी आपके सहयोग के लिए तत्पर हैं. आप यहां पूंजीनिवेश करें, आप जैसे कुशल उद्यमियों को यहां देख कर और भी लोग उत्साहित होंगे और पूंजी निवेश करेंगे. बैठक में मसाला यथा-धनिया, जीरा, मिर्च, हल्दी व अदरख प्रोसेसिंग के लिए औद्योगिक इकाई लगाये जाने, मकई, शहद, लीची, आम के प्रोसेसिंग के लिए फूड प्रोसेसिंग उद्योग लगाने की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की गयी. मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की आय बढ़े, उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो और उनके उत्पादन की उचित दर मिले, इस पर विशेष ध्यान दिये जायें.
यदि किसानों को इस बात की गारंटी मिल जाती है कि उनके उत्पादन का मार्केटिंग सुनिश्चित हो जायेगी, तो वे उत्साहित होकर कृषि पर ध्यान देंगे और स्थापित किये गये उद्योगों को नियमित रूप से कच्चा माल मिलता रहेगा, उद्योग विकसित होगा. उन्होंने कहा कि बिहार में जैविक खेती पर विशेष ध्यान दिये जा रहे हैं. लंदन से आये उद्यमियों ने मुख्यमंत्री की 20 से 25 सितंबर के बीच लंदन यात्र की चर्चा की और कहा कि मुख्यमंत्री की यात्र से लंदन के उद्यमी अत्यधिक उत्साहित हुए हैं और वे बिहार में पूंजी निवेश करने की इच्छा रखते हैं. इसी का परिणाम है कि आज मुख्यमंत्री के लंदन से वापस लौटने के 15 से 20 दिनों के अंदर ब्रिटेन के उद्यमियों का शिष्टमंडल आज मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिए पटना पहुंचा है.
कच्चे माल की कमी नहीं : ब्रिटेन में आप्रवासी भारतीय उद्यमियों के साथ पुणो से तकनीकी विशेषज्ञ भी आये थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीकी विशेषज्ञ कृषि विभाग, उद्योग विभाग एवं अन्य संबंधित विभागों के साथ बैठक कर राज्य के किस क्षेत्र में किस तरह के उद्योग की संभावनाएं हैं, का अध्ययन करें (सर्वे करें) आगे की कार्ययोजना बनायें. मुख्यमंत्री ने शिष्टमंडल को बताया कि राज्य में नयी औद्योगिक नीति बनायी गयी है. उद्योग के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू किये गये हैं. महत्वाकांक्षी कृषि रोडमैप बनाया गया है, जिसके परिणामस्वरूप कृषि के क्षेत्र में राज्य की उपलब्धि काफी प्रशंसनीय रही है. धान व गेहूं में रिकॉर्ड उत्पादन के लिए राज्य को केंद्र द्वारा कृषि कर्मण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. यहां आलू की फसल काफी अच्छी होती है. कच्चे माल की कोई कमी नहीं है. विधि व्यवस्था की स्थिति भी अच्छी है. सड़कों का बेहतर जाल है, आवागमन की पर्याप्त सुविधा सुलभ है. ब्रिटेन के उद्यमियों ने भी राज्य में उपलब्ध सुविधाओं पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि वे बिहार में उद्योग लगायेंगे. बैठक में मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त एसके नेगी, उद्योग विभाग के प्रधान सचिव नवीन वर्मा, गन्ना उद्योग सचिव रवि मित्तल, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा, सीआइआइ के राज्य अध्यक्ष एसपी सिन्हा, उद्यमी श्री चरण के खिलानी, मनोज खिलानी ने भाग लिया.
कचरा आधारित बिजली संयंत्र लगाने को तैयार
कचरा आधारित विद्युत उत्पादन संयंत्र लगाये जाने की भी इच्छा उद्यमियों ने प्रकट की. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की कैबिनेट की बैठक में पटना के लिए एक इसी तरह की योजना को स्वीकृति दी गयी है, मगर राज्य में अनेक बड़े-बड़े शहर हैं. वहां पर भी कचरा बेस्ड इलेक्ट्रिक उत्पादन संयंत्र लगाने की संभावना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्पादन संयंत्र, यदि कचरों का कलेक्शन स्वयं करें, तो यह बेहतर रहेगा. इससे उन्हें उनकी जरूरत के अनुरूप कचरे मिल पायेंगे. साथ ही कई एनजीओ व गरीबों को काम मिलेगा. सोलर स्ट्रीट लाइट की भी चर्चा बैठक में हुई. बताया गया कि ये लोग लिथियम बैटरी से सोलर स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था करते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयोग के रूप में गया-बोधगया के बीच एवं राजगीर में औद्योगिक घराने अपने सहयोग से सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने की पहल करें. पेप्सी ग्रुप एवं होटल मौर्या ग्रुप ने इस कार्यक्रम में सहयोग दिये जाने का आश्वासन दिया और कहा कि वे अपनी ओर से कम-से-कम तीस- तीस सोलर स्ट्रीट लाइट लगाये जाने की व्यवस्था करेंगे.