पटना किशनगंज समेत छह जिलों के 16 वाणिज्य कर का छापा, आठ करोड़ की पकड़ी गयी गड़बड़ी
4 वैसे इवेट मैंनेजमेंट फर्म हैं या अपना निबंधन कैंसिल कराने के वावजूद भी व्यवसाय कर रहे हैं और 8 वैसे व्यवसायियों के खिलाफ कार्रवाई की गयी, जो विगत वर्षों से अपने कर दायित्व का शत-प्रतिशत भुगतान इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) से करते आ रहे हैं और लेखा-जोखा संदिग्ध पाया गया है.
पटना. पटना जिला में 10, औरंगाबाद, मुंगेर, बेगुसराय, भोजपुर, गया और किशनगंज में एक-एक समेत कुल 16 व्यवसायियों के खिलाफ वाणिज्य कर विभाग ने छापेमारी की.जिसमें 4 वैसे आर्किटेक्ट फर्मों के खिलाफ कार्रवाई की गयी जो अपने कर दायित्व का भुगतान अनुचित या गलत आइटीसी से कर रहे थे या अपना निबंधन कैंसिल कराने के वावजूद भी व्यवसाय कर रहे हैं. 4 वैसे इवेट मैंनेजमेंट फर्म हैं या अपना निबंधन कैंसिल कराने के वावजूद भी व्यवसाय कर रहे हैं और 8 वैसे व्यवसायियों के खिलाफ कार्रवाई की गयी, जो विगत वर्षों से अपने कर दायित्व का शत-प्रतिशत भुगतान इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) से करते आ रहे हैं और लेखा-जोखा संदिग्ध पाया गया है.
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2.95 करोड़ की राशि का माल भी किया गया जब्त
वाणिज्य कर विभाग के अनुसार छापेमारी को गयी टीम को 6 मामलों में कुल 8.54 करोड़ की राशि की बिक्री छिपाने का मामला और 4 मामलों में 2.95 करोड़ की राशि का माल जब्त किया गया है.जबकि एक मामले में टीम की दबिश के बाद व्यवसायी ने 10 लाख का कर भुगतान भी तुरंत कर दिया.हालांकि वाणिज्य कर विभाग की कार्रवाई देर शाम तक जारी थी.
कार्रवाई में विभाग की 24 टीम का गठन किया गया
वाणिज्य कर विभाग ने इस विशेष कार्रवाई के लिये कुल 24 टीम का गठन किया गया था, जिसमें कुल 76 अधिकारी थे शामिल थे.विभागीय आयुक्त -सह- सचिव डॉ. प्रतिमा द्वारा बताया गया कि टैक्स में गड़बड़ी करने वाले व्यवसायियों को चिन्हि्त करके उनके खिलाफ कार्रवाई की गयी है.विभाग आगे भी कर में गड़बड़ी करने वाले व्यवसायियों के विरूद्ध करेगा. उन्होंने राज्य के करदाताओं से नियमित रूप से समुचित कर भुगतान करने की भी अपील की.
सीबीआइ अधिकारी बनकर युवक को किया फोन, 1.21 लाख की ठगी
इधर, एक अन्य समाचार के अनुसार कंकड़बाग के कारोबारी अमन प्रभाकर को साइबर शातिरों ने सीबीआइ अधिकारी बनकर 1.21 लाख रुपये का चुना लगाया. इस संबंध में कारोबारी ने साइबर सेल में शिकायत दर्ज करवायी है. घटना बीते शनिवार की है. युवक को एक अंजान नंबर से कॉल आया. कॉल करने वाले शख्स ने अपने आप को सीबीआइ का अधिकारी बताया. उसने कहा कि आपके खिलाफ दिल्ली सीबीआइ में शिकायत मिली है. आप से पूछताछ करने के लिए फोन किया गया है और आप पर केस दर्ज किया जा रहा है. अमन ने बताया कि शख्स की बात सुन वह घबरा गया. बार-बार पूछने पर भी शख्स ने नहीं बताया कि आखिरी किस वजह से मुझपर केस दर्ज किया जा रहा है.
खाते में भेजो पैसा, नहीं तो दर्ज हो जायेगा केस
अमन मूल रूप से सीतामढ़ी के रहने वाले हैं और पटना में कई कंपनी के एजेंसी चलाते हैं. उन्होंने बताया कि फोन करने वाले शख्स ने दूसरे को फोन दे दिया. उसने कहा कि जो अभी आपसे बात कर रहे हैं वह सीनियर अधिकारी हैं. कुछ पैसा देकर मामला रफा-दफा कर लो. अमन ने कहा कि कितना पैसा देना होगा. पहले तो शख्स ने पांच लाख रुपये की डिमांड की फिर अमन ने कहा कि अभी उतना पैसा नहीं है तो फिर पहले एक लाख भेजो.
बताये नंबर पर भेज दिया पैसा
अमन ने बताये गये नंबर पर यूपीआइ के माध्यम से एक लाख भेज दिया. इसके बाद फिर से 50 हजार रुपये मांगने लगा. अमन ने कहा कि अब पैसा नहीं है, तो शख्स ने कहा कि 30 हजार रुपये नहीं दोगे तो केस हो जायेगा, जिसके बाद अमन ने 21 हजार रुपये भेज दिया. पैसा ट्रांसफर होने के बाद शख्स ने फोन काट दिया. जब दुबारा अमन ने फोन किया तो मोबाइल स्वीच ऑफ था. बाद में पता चला कि अमन को साइबर शातिरों ने चुना लगा दिया है.