पटना : महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद भले ही क्षेत्रीय पार्टियां हाशिये पर आ गयीं हों, लेकिन बिहार विधानसभा के चुनाव में भाजपा अपनी सहयोगी पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी.
यह कहना है बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सुशील मोदी का. उन्होंने कहा कि अगर इन दो राज्यों में क्षेत्रीय पार्टियां हाशिये पर आ गयीं हैं, तो इसका अर्थ यह कतई नहीं निकाला जाना चाहिए कि यह राष्ट्रीय पैटर्न बन चुका है और हर जगह ऐसा ही होगा. वे राजनीतिक विश्लेषकों के इस विचार से असहमत हैं कि अब देश में क्षेत्रीय पार्टियों का युग खत्म हो चुका है.
उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि कांग्रेस को देश से सत्तामुक्त करने के बाद भाजपा क्षेत्रीय दलों के साथ गंठबंधन नहीं चलाना चाहती है. उन्होंने यह बातें तब कहीं जब भाजपा पर यह आरोप लगा कि मतलब निकल जाने के बाद भाजपा ने हरियाणा में हरियाणा जनहित पार्टी और महाराष्ट्र में शिवसेना से संबंध तोड़ लिये. उन्होंने कहा कि हम बिहार में रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी के साथ गंठबंधन जारी रखेंगे और मिलकर चुनाव लड़ेंगे.
बिहार में हुए दवा घोटाले को मीडिया ने वृहत पैमाने पर कवरेज दिया और शिकायतकर्ता मामले को कोर्ट तक ले गये, लेकिन मुख्यमंत्री ने इस मामले में दोषियों की गिरफ्तारी पर कोई ध्यान नहीं दिया है. ऐसा करके वे अपने कर्तव्यों के निर्वहन में की जानेवाली कोताही को दर्शा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में दवा घोटाला बड़ा मुद्दा बनेगा और सरकार को जनता सबक सिखायेगी. उन्होंने आरोप लगाया कि चूंकि इस घोटाले में मुख्यमंत्री के करीबी भी शामिल हैं, इसलिए वे कार्रवाई करने से बच रहे हैं. उन्होंने बताया कि छठ पूजा के बाद भाजपा जदयू सरकार के खिलाफ अभियान चलायेगी और लोगों को सरकार की सच्चाई बतायेगी.